पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पूर्व आईपीएस अधिकारी और पटना महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार, उनका निधन हृदय गति रुकने (कार्डियक अरेस्ट) के कारण हुआ। रविवार की सुबह अचानक उन्हें कार्डियेक अरेस्ट आया, जिसके बाद उन्हें तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर 2 बजे हाजीपुर स्थित कौनहारा घाट पर किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा सोमवार सुबह 9 बजे उनके निवास स्थान से शुरू होगी।
किशोर कुणाल महावीर मंदिर के सचिव पद पर कार्यरत थे और उन्होंने महावीर कैंसर अस्पताल, महावीर वात्सल्य अस्पताल की स्थापना की थी। हाल ही में, उन्होंने बाल कैंसर अस्पताल का शिलान्यास भी किया था। वे सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि रखते थे और उन्हें धर्म, शिक्षा और समाज सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता था।
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को बिहार में हुआ था। वे एक संस्कृत विद्वान थे और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके थे। वर्तमान में, वे पटना के महावीर मंदिर न्यास के सचिव थे और पटना के प्रसिद्ध स्कूल ज्ञान निकेतन के संस्थापक भी थे।
किशोर कुणाल को अयोध्या विवाद पर विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता करने के लिए प्रधानमंत्री वीपी सिंह द्वारा नियुक्त किया गया था। उन्होंने चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व काल में इस महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। आईपीएस सेवा से रिटायर होने के बाद उन्होंने सामाजिक कार्यों में अपना योगदान जारी रखा था और ‘मारुति-स्तुति मारुति-शतकम्’ जैसी किताबों का संपादन किया था। उनकी एक प्रमुख कृति ‘दलितदेवो भव’ भी थी, जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक दस्तावेजों का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला था कि बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर ने नहीं, बल्कि औरंगज़ेब ने कराया था।

