पटना: बिहार के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व उप-प्रधानमंत्री और दलित सशक्तिकरण के प्रणेता बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि के अवसर पर 6 जुलाई 2025 को पटना में “बाबू जगजीवन राम स्मृति व्याख्यान” का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना द्वारा किया जाएगा। व्याख्यान का विषय “बाबू जगजीवन राम की प्रासंगिकता” है, जिसमें उनके सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक योगदान पर चर्चा होगी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उपस्थित होंगे। विशिष्ट अतिथियों में बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामचन्द्र पूर्वे, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रो. शशिकांत, सीएनएलयू, पटना के रजिस्ट्रार-सह-डीन प्रो. एस.पी. सिंह, और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. (प्रो.) गुरु प्रकाश शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रविन्द्र सिंह, सहायक विश्वविद्यालय प्राध्यापक (स.वि.प.), करेंगे।
यह आयोजन अपराह्न 3:00 बजे से शुरू होगा। जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक डॉ. नरेंद्र पाठक ने अनुसार यह व्याख्यान बाबू जगजीवन राम के विचारों और उनके द्वारा सामाजिक समानता, हरित क्रांति, और संसदीय लोकतंत्र में दिए गए योगदान को रेखांकित करेगा।बाबूजी का जीवन आज भी समाज के वंचित वर्गों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
बताते चलें कि बाबू जगजीवन राम, जिन्हें “बाबूजी” के नाम से जाना जाता है, ने 1936 से 1986 तक लगातार 50 वर्षों तक संसद में प्रतिनिधित्व किया, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। वे भारत के पहले दलित उप-प्रधानमंत्री (1977-79) थे और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान रक्षा मंत्री के रूप में उनकी भूमिका, साथ ही हरित क्रांति में कृषि मंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है।
कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, और छात्रों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। आयोजकों ने अनुसार यह व्याख्यान बाबूजी के समावेशी और समरस समाज के दृष्टिकोण को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रयास है।

