पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अधिवेशन में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने पार्टी के दो कद्दावर मुस्लिम नेताओं, सीवान के पूर्व सांसद स्वर्गीय मोहम्मद शहाबुद्दीन और किशनगंज के पूर्व सांसद स्वर्गीय मोहम्मद तस्लीमुद्दीन को याद करते हुए एक भावनात्मक अपील की। पटना के बापू सभागार में आयोजित इस अधिवेशन में तेजस्वी ने नारा लगाया, “शहाबुद्दीन जी अमर रहे, तस्लीमुद्दीन जी अमर रहे,” जिसके जरिए उन्होंने बिहार के मुस्लिम समुदाय को एकजुट करने और उन्हें बड़ा संदेश देने की कोशिश की।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह कदम 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। सीवान और किशनगंज जैसे मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन का प्रभाव आज भी कायम है। अधिवेशन में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और बेटे ओसामा शहाब की मौजूदगी ने इस संदेश को और मजबूती दी। हिना और ओसामा हाल ही में राजद में फिर से शामिल हुए हैं, जिसे मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
इस अवसर पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का लक्ष्य सामाजिक समानता और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देना है। उन्होंने तेजस्वी को बिहार में महागठबंधन की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपते हुए कहा, “तेजस्वी हमारी विरासत को आगे बढ़ाएंगे और बिहार में फिर से सामाजिक न्याय की सरकार बनाएंगे।”
अधिवेशन में राजद के कई वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हिस्सा लिया। तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर बिहार में NDA को हराने का आह्वान किया।
यह अधिवेशन राजद के 29वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित किया गया, जिसमें लालू प्रसाद यादव को 13वीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस आयोजन ने बिहार की सियासत में राजद की रणनीति को और स्पष्ट कर दिया, खासकर मुस्लिम समुदाय को अपने पक्ष में करने की उनकी कोशिश को।

