लोकसभा चुनाव 2024 और कई अहम राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कमर कस ली है। इसी क्रम में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को पटना के ऐतिहासिक आश्रम परिसर में आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनावी रणनीति, संगठनात्मक बदलाव, गठबंधन की दिशा और जमीनी स्तर पर मजबूती को लेकर गहन मंथन किया।
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। इस मौके पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, अखिलेश सिंह, भूपेश बघेल, और बिहार प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
बिहार से दी गई बड़ी राजनीतिक संदेश
पटना में CWC बैठक आयोजित करना खुद में एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। कांग्रेस अब उत्तर भारत के बड़े राज्यों में अपनी राजनीतिक वापसी की रणनीति पर गंभीरता से काम कर रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बिहार को केंद्र बनाकर पार्टी उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी सघन अभियान चलाने की तैयारी में है।
बैठक के दौरान यह बात प्रमुखता से सामने आई कि कांग्रेस को सिर्फ बयानबाज़ी से आगे बढ़कर, जमीनी स्तर पर संगठन को मज़बूत करना होगा। इसमें बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन, युवाओं को जोड़ने, और महिला भागीदारी को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया गया।
संगठन में बदलाव के संकेत
सूत्रों की मानें तो पार्टी अब संगठनात्मक फेरबदल की ओर बढ़ रही है। कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति और जिला व ब्लॉक स्तर पर नेतृत्व में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि पार्टी को “नीचे से ऊपर” की रणनीति अपनानी होगी, ताकि आम कार्यकर्ता को भी नेतृत्व में भागीदारी मिले।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “हमें जनता के बीच जाकर, उनकी समस्याएं सुनकर, समाधान का रास्ता दिखाना होगा। यह समय संगठन को मजबूत करने और जनविश्वास वापस पाने का है।”
केंद्र सरकार पर तीखा हमला
बैठक में एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा गया। प्रस्ताव में कहा गया कि देश में बेरोज़गारी चरम पर, महंगाई बेकाबू, और लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं। कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर जल्द ही जनजागरण अभियान चलाएगी।
गठबंधन पर भी चर्चा
बैठक में विपक्षी गठबंधन INDIA के तहत सीटों के तालमेल और साझा रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई। बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में संभावित सीट शेयरिंग पर फीडबैक लिया गया।
पटना के आश्रम में सम्पन्न इस बैठक से कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वह 2024 की लड़ाई को न केवल पूरी गंभीरता से ले रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। पार्टी अब नए जोश, नई रणनीति और बदले हुए नेतृत्व के साथ जनता के बीच अपनी खोई जमीन दोबारा पाने के लिए तैयार है।

