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दिल्ली में जारी NDTV वर्ल्ड समिट 2025: वैश्विक नेताओं ने साझा किए नए युग के विचार

दिल्ली में जारी NDTV वर्ल्ड समिट 2025: वैश्विक नेताओं ने साझा किए नए युग के विचार

भारत की राजधानी दिल्ली इन दिनों वैश्विक विचार-विमर्श का केंद्र बनी हुई है। NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में दुनिया भर से आए वैश्विक नेता, अर्थशास्त्री, उद्योगपति और नीति निर्माता एक मंच पर जुटे हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य 21वीं सदी की चुनौतियों—जैसे जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता और तकनीकी क्रांति—पर सार्थक संवाद स्थापित करना है। कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ, जिसमें भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि विश्व को अब प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सहयोग की नई परिभाषा चाहिए।

सम्मेलन के पहले दिन “ग्लोबल पॉलिटिक्स एंड पीस बिल्डिंग” पर हुई चर्चा में नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में बढ़ती अविश्वसनीयता पर चिंता जताई। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री रिषि सुनक, श्रीलंका की सांसद हरिनी अमरासूरिया, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि एशिया अब विश्व राजनीति का केंद्र बन चुका है, और भारत की भूमिका इसमें अत्यंत निर्णायक है। जयशंकर ने कहा, “भारत आज वैश्विक स्थिरता का प्रतीक है। हमारा उद्देश्य है — संवाद और विश्वास के ज़रिए दुनिया को जोड़ना।” सम्मेलन में तकनीकी विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर सुरक्षा, और डिजिटल लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण था “सस्टेनेबल फ्यूचर” विषय पर पैनल चर्चा, जिसमें जलवायु विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु प्रतिनिधि ने कहा कि भारत दुनिया को हरित ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस दौरान भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने भी अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे भारत की कंपनियां पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही हैं। सम्मेलन में स्टार्टअप इनोवेशन, ग्लोबल इकॉनमी और नई शिक्षा नीति पर भी सत्र आयोजित किए गए। NDTV के चेयरमैन प्रणय रॉय ने कहा, “यह समिट सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत है।”
समिट का समापन रविवार को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबोधन देंगे। उम्मीद है कि इस सम्मेलन से निकले विचार न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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