22 अक्टूबर का दिन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश का पहला चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया जिन्होंने चांद पर वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में कदम बढ़ाया।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित ‘चंद्रयान-1’ ने न सिर्फ भारत की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया बल्कि चंद्र सतह पर पानी के अणु खोजने में भी अहम भूमिका निभाई। इस उपलब्धि ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक मजबूत पहचान दी।
‘चंद्रयान-1’ की सफलता ने आगे चलकर चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे मिशनों की नींव रखी, जिसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त किया।