दिल्ली में बिहार कांग्रेस की समीक्षा बैठक गुरुवार को तब विवादों में घिर गई जब दो हारे हुए प्रत्याशियों के बीच तीखी बहस हाथापाई और जान से मारने की धमकी तक पहुंच गई। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के कारणों पर चर्चा के लिए 61 उम्मीदवारों को इंदिरा भवन बुलाया गया था, जहां राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समूहों में प्रत्याशियों से फीडबैक ले रहे थे। लेकिन अचानक बैठक उस वक्त जंग के अखाड़े में बदल गई जब इंजीनियर संजीव सिंह और जितेंद्र यादव “बाहरी उम्मीदवारों” को टिकट देने के मुद्दे पर भिड़ गए। आरोप है कि दोनों ने एक-दूसरे को बिहार में देख लेने और गोली मारने तक की धमकी दी।
स्थिति बेकाबू होते देख सांसद तारिक अनवर ने हस्तक्षेप कर दोनों को अलग किया और कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी में विचारों का मतभेद हो सकता है, लेकिन अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बैठक शुरू होने से पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिस पर शीर्ष नेतृत्व ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
इधर, विवाद बढ़ने पर इंजीनियर संजीव सिंह ने सोशल मीडिया वीडियो जारी कर सभी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है और बैठक में किसी तरह की धमकी देने की बात पूरी तरह बेबुनियाद है। अधिकतर प्रत्याशियों ने कांग्रेस की हार के लिए महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट, टिकट बंटवारे में देरी और महिला मतदाताओं के बीच नीतीश सरकार की आर्थिक योजनाओं को जिम्मेदार बताया।

