छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। यहां 37 नक्सलियों ने सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। सरेंडर करने वालों में मिनपा हमले में शामिल माओवादी भी है, जिस घटना में 26 जवान शहीद हुए थे और कई घायल हुए थे। इन सभी नक्सलियों पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि ‘पूना मारगेम’ यानी पुनर्वास और पुनर्जीवन की पहल ने इन नक्सलियों को हिंसा छोड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संगठन से अलग होकर अब शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं। यह कदम नक्सली संगठनों में कमजोर होती पकड़ और टूटते नेटवर्क को भी दर्शाता है।
सरकारी नीतियों और लोन वर्राटू अभियान का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। पिछले 20 महीनों में दंतेवाड़ा जिले में 165 इनामी नक्सलियों सहित 508 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं लोन वर्राटू अभियान शुरू होने के बाद अब तक कुल 1160 नक्सलियों—जिनमें 916 पुरुष और 244 महिलाएं शामिल हैं—ने हथियार डाल दिए हैं। यह प्रदेश में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

