विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इंडिगो एयरलाइन के हालिया परिचालन संकट के लिए सीधे तौर पर क्रू प्रबंधन की गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद भी अन्य एयरलाइनों—जैसे एयर इंडिया और स्पाइसजेट—ने अपने संचालन को बिना किसी दिक्कत के अनुकूल बना लिया था, लेकिन इंडिगो ऐसा नहीं कर पाई। मंत्री के मुताबिक, एयरलाइन के कुप्रबंधन ने हजारों यात्रियों को परेशानी में डाल दिया।
नायडू ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता परिचालन को जल्द से जल्द सामान्य करना है, जिसके लिए इंडिगो को अस्थायी राहत देते हुए कुछ FDTL नियमों में छूट भी दी गई है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर अब भीड़ कम हो चुकी है और इंडिगो सीमित क्षमता के साथ उड़ानें पुनः शुरू कर रही है। हालांकि पूर्ण क्षमता पर लौटने में कुछ और दिन लग सकते हैं। मंत्रालय ने एयरलाइन को निर्देश दिए थे कि दो दिनों के भीतर स्थिति सामान्य करें, लेकिन लगातार देरी के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कराने का निर्णय लेना पड़ा।
विमानन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो यह निर्धारित करेगी कि गलती कहां हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की वजह से यह अव्यवस्था उत्पन्न हुई, “उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी” और सरकार कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।

