कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री Narendra Modi की सरकार ने अरावली पर्वतमाला को गंभीर क्षति पहुंचाने वाला कदम उठाया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने अरावली की 100 मीटर से कम ऊँचाई वाली पहाड़ियों को खनन से छूट दे दी है — जिसे वे पर्यावरण के लिए ‘डेथ वारंट’ मानती हैं।
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि अरावली, जो गुजरात, राजस्थान और हरियाणा से दिल्ली तक फैली है, हमारी भूगोलिक और ऐतिहासिक धरोहर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस नई नीति के कारण अवैध खननकर्ता और खनन माफिया पूरे पर्वतमाला के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से का सफाया कर सकते हैं — जिससे इलाके का पारिस्थितिक संतुलन और प्राकृतिक जलभराव व्यवस्था दोनों को भारी खतरा है।
सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया है कि खनन नीति पर पुनर्विचार किया जाए और अरावली के संरक्षण को किसी भी विकास से ऊपर रखा जाए। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय मामलों में राज्य और केंद्र को मिलकर काम करना चाहिए, और वनों, एक्विफर व प्राकृतिक भू-रक्षा को बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

