बिहार के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) बड़ी बाधा से जूझ रही है, क्योंकि राज्य नोडल खाते में फंड की कमी के कारण लगभग आठ लाख लाभुकों की किस्तों का भुगतान अटक गया है। किस्तें रुकने से लाभार्थियों के पक्के मकान निर्माण का काम ठप पड़ गया है, जिससे हजारों परिवार कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
ग्रामीण विकास विभाग ने इस गंभीर स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजकर चिंता जताई है। विभाग ने मांग की है कि 31 मार्च 2026 तक पुराने सिस्टम के तहत राशि जारी करने की अनुमति दी जाए। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अलग से पत्र लिखकर तत्काल फंड जारी करने की अपील की है, ताकि योजनाओं की प्रगति प्रभावित न हो।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 3.88 लाख लाभुकों को दूसरी किस्त और 4.20 लाख लाभुकों को तीसरी किस्त का भुगतान अभी बाकी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में बिहार को 12.21 लाख मकान बनाने का लक्ष्य मिला है। अब तक 11.35 लाख परिवारों को पहली किस्त मिल चुकी है, जबकि 7.47 लाख ने दूसरी और 3.26 लाख ने तीसरी किस्त प्राप्त की है। राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र से जल्द फंड जारी हुआ तो ग्रामीणों के पक्के घर समय पर पूरे हो सकेंगे।

