पटना: पटना महानगर कांग्रेस मुख्यालय, नेशनल हॉल, कदमकुआं में आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक 12 जून 2025 को होने वाले “रोजगार दो या सत्ता छोड़ो” कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में पटना महानगर कांग्रेस के अंतर्गत विभिन्न प्रखंड अध्यक्षों और जिला पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के सामने रोजगार के अवसरों की कमी जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाना और इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाना था। “रोजगार दो या सत्ता छोड़ो” अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी बिहार सरकार से युवाओं के लिए रोजगार के ठोस अवसर प्रदान करने की मांग कर रही है।
बैठक में उपस्थित नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में युवा रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल सरकार की नीतियों के खिलाफ एक जन आंदोलन होगा, बल्कि युवाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का एक मंच भी प्रदान करेगा।
इस अवसर पर पटना महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष शशिरंजन यादव ने कहा कि हमारा उद्देश्य बिहार के हर युवा तक यह संदेश पहुंचाना है कि रोजगार उनका अधिकार है। अगर सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती, तो जनता इसका जवाब देगी। 12 जून का कार्यक्रम इस अभियान का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा।”
बैठक में कार्यक्रम की रणनीति पर भी चर्चा हुई, जिसमें जनसंपर्क अभियान, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार, और विभिन्न प्रखंडों में कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों का निर्धारण शामिल था। प्रखंड अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान को गति देने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का संकल्प लिया।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी घोषणा की कि इस कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न हिस्सों से युवा, छात्र, और बेरोजगार शामिल होंगे, जो अपनी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे। यह अभियान न केवल पटना तक सीमित रहेगा, बल्कि पूरे बिहार में इसे व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा।
इस बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि “रोजगार दो या सत्ता छोड़ो” कार्यक्रम बिहार की जनता की आवाज को बुलंद करने का एक ऐतिहासिक अवसर होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस अभियान को घर-घर तक पहुंचाएं और जनता को इस मुहिम से जोड़ें।
12 जून 2025 को नेशनल हॉल, कदमकुआं में आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह आयोजन बिहार की सियासत में एक नए आंदोलन की शुरुआत का प्रतीक हो सकता है।