पटना: ग्लोबल फैटी लिवर डे के अवसर पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लिवर रोगों से जुड़ी सावधानियों और निवारण उपायों पर प्रकाश डाला गया।कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. आशीष कुमार झा, निदेशक – गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग और डॉ. रविकांत ठाकुर, कंसल्टेंट – गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग ने किया। दोनों विशेषज्ञों ने बताया कि आज की जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बिना अल्कोहल के भी यह बीमारी हो सकती है, जिसे Metabolic Dysfunction Associated Steatotic Liver Disease (MASLD) कहा जाता है।
डॉ. आशीष कुमार झा ने कहा, “फैटी लिवर एक ‘साइलेंट एपिडेमिक’ बन चुका है। यदि समय रहते इसकी पहचान न हो और जीवनशैली में बदलाव न किया जाए, तो यह सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकता है।”डॉ. रविकांत ठाकुर ने जोर देते हुए कहा, “रोज़ाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और नियमित चेकअप फैटी लिवर से बचाव में अत्यंत आवश्यक हैं।”
कार्यक्रम में अन्य विशेषज्ञों की भी सहभागिता रही जिनमें डॉ. भाग्यमणि प्रसाद, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. नूरुद्दीन अंसारी और डॉ. आर्या सुचमिता (पीडियाट्रिक गैस्ट्रो) शामिल थे। सभी ने अपनी विशेषज्ञता से प्रतिभागियों को फैटी लिवर के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
मेदांता हॉस्पिटल द्वारा इस अवसर पर पोषण परामर्श, फ्री लिवर प्रोफाइल टेस्ट और शारीरिक स्वास्थ्य पर जागरूकता जैसे सेवाओं की भी शुरुआत की गई ताकि आम लोग समय रहते बीमारी को पहचानें और उससे बच सकें।जयप्रभा मेदांता की यह पहल राज्य में लिवर स्वास्थ्य को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

