गोवा के उत्तरी हिस्से में स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के बाद जमीन से जुड़े नए खुलासे सामने आए हैं। भूखंड के मूल मालिक प्रदीप घाड़ी अमोणकर ने दावा किया है कि वह पिछले दो दशकों से इस नाइटक्लब की अवैध गतिविधियों और कब्जे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन उनकी शिकायतों को लगातार नजरअंदाज किया गया।
अमोणकर ने बताया कि उन्होंने यह भूखंड 1994 में खरीदा था और वर्ष 2004 में सुरिंदर कुमार खोसला के साथ इसका बिक्री समझौता किया था। हालांकि, खोसला ने भुगतान पूरा नहीं किया, जिसके कारण समझौता रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद खोसला ने जमीन पर नाइटक्लब का संचालन शुरू कर दिया, जिसे बाद में ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ के वर्तमान मालिक सौरभ और गौरव लूथरा ने संभाल लिया।
मूल मालिक ने कहा कि उन्होंने इस गैरकानूनी कब्जे और गतिविधियों के खिलाफ वर्षों तक कोर्ट और प्रशासनिक संस्थाओं में शिकायतें कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वहीं नाइटक्लब में लगी आग की घटना के बाद अब पुलिस और प्रशासन जमीन से लेकर संचालन तक सभी पहलुओं की जांच कर रहा है।

