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आम से लेकर खास के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है सरस मेला

पटना: बिहार सरस मेला ग्रामीण शिल्प, कलाकृतियों एवं देशी व्यंजनों के प्रोत्साहन के साथ ही ज्ञान संवर्धन का स्थल भी बना हुआ है l आगंतुक ग्रामीण महिअलों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प एवं व्यंजनों के प्रति आकर्षित तो है ही सेमीनार, परिचर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत लोक गीत एवं नृत्यों की प्रस्तुति के साथ ही विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित जन जागरूकता अभियान के तहत सरस मेला परिसर में प्रतिदिन आयोजित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बाल –विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन, नशा मुक्ति अभियान और महिला हिंसा के रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों एवं, योजनाओं से वाकिफ हो रहे हैं l

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महिला विकास निगम के तत्वाधान में प्रतिदिन विद्या केंद्र , मंथन कला परिषद् एवं ग्रामीण लोक सेवा संघ के कलाकारों द्वारा लैंगिक हिंसा, यौन उत्पीड़न, नशा मुक्ति अभियान, बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन के प्रति आगंतुकों को जागरूक किया जा रहा है l नाटक बेटी बहादुर और बढ़ चली बेटियां जैसी लघु एवं नुक्कड़ नाटकों की गंभीर प्रस्तुतियां एवं बीच-बीच में हास्य का समावेशन कलाकारों द्वारा दिए जा रहे सन्देश को दर्शक आत्मसात भी कर रहे हैं l ग्रामीण लोक सेवा संघ के कलाकार पिछले 5 वर्षों से सरस मेला परिसर में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति करते आ रहे हैं l नाटक बढ़ चली बेटियां के निर्देशक हौबिन्स बताते हैं कि नाटक के बीच –बीच में दर्शकों के तालियों की आवाज़ इस बात को दर्शाती हा कि दर्शक नाटक के उद्देश्य को समझ रहे हैं और यही हम कलाकारों की मनसा एवं नाटक प्रस्तुत करने का उद्देश्य पूर्ण होता है lइसके साथ ही स्टेट बैंक औफ़ इंडिया के सौजन्य से कलमबाज संस्था के कलाकारों द्वारा साइबर क्राइम से बचाव , आँन लाइन खरीददारी के प्रति सतर्कता और बैंक द्वारा संचालित एप के प्रति आगंतुकों को प्रति दिन जागरूक किया जा रहा है l इसके साथ ही विभिन्न विभागों, संस्थानों एवं बैंको के स्टॉल से योजनाओं से लोगों को जागरूक किया जा रहा है l

 

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बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका के तत्वाधान में बिहार सरस मेला 15 से 29 दिसंबर 2023 तक गाँधी मैदान, पटना में आयोजित है l बिहार सरस मेला में बिहार समेत 22 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण महिला उद्यमी एक –दुसरे से अपने संघर्ष और फिर समूह के बल से मिली सफलता की दास्तां सुना रही हैं और बड़ी उद्यमी बनने के गुर भी सरस मेला परिसर में प्रतिदिन आयोजित विभिन्न प्रकार की परिचर्चा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम से सीख रही हैं l सतत जीविकोपार्जन योजना के स्टॉल पर जीविका दीदियाँ बिहार मरे गरीबी उन्मूलन की नाज़िर पेश कर रही हैं lबिहार सरस मेला के 8 वें दिन शुक्रवार को 22 दिसंबर को लगभग 96 लाख 43 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है l खरीद –बिक्री का आंकड़ा स्टॉल धारकों से लिए गए आंकड़ो पर आधारित होता है l शनिवार को लगभग 72 हजार लोग आये और मेला का लुत्फ़ उठाया l

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सरस मेला परिसर में आकर्षण का सबसे खास केंद्र है बच्चों के लिए संचालित पालना घर l इस पालना घर में आगंतुक अपने छोटे-छोटे बच्चे-बच्चियों को खेलने के लिए रख देते हैं और खुद मेला में खरीददारी करने के बाद अपने बच्चे- बच्चियों को लेकर वपस घर लौट जाते हैं l पलना घर में बच्चे-बच्चियों के खेलने एवं मस्ती करने के लिए मिनी चिल्ड्रेन पार्क जैसा माहौल दिया गया है l बच्चे-बच्चियां पलना घर में खूब मस्ती कर रहे हैं l सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर सुशीला श्री के कलाकारों द्वारा लोक गीत एवं भक्ति गीत की प्रस्तुति की गई l शिवम् सागर ने “जब समय होला कमजोर” और “सांची कहे तोहे आवन से हमरे अंगना में आइल बाहर भौजी” से झुमाया वहीँ अंजलि ठाकुर ने “ए पहुना रहिया तू ससुरारी में” गाकर दर्शकों को रिझाया l राजा कुमार ने गणेश वंदना की प्रस्तुति की l मंच संचालक गुलाम सिमानी रहे l संध्या समय में कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वाधान में कैफ खान ने सूफी गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया वही रामेश्वर गोप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई l सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत लोक गीतों की प्रस्तुति से दर्शक एक बार फिर अपनी पुरानी संस्कृति एवं परम्परा से रूबरू हुए और देशी वाद्य यंत्रों की धुन पर खूब झूमे l

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नुक्कड़ नाटक के तहत महिला एवं बाल विकास के तावाधन में ग्रामीण लोक सेवा के कलाकारों ने बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन तथा यौन उत्पीड़न को लेकर लघु नाटक की प्रस्तुति की l कलाकारों में निरमा, ललिता , सरदार जी, राम सकल , एवं आर.सी.जेटली आदि रहे l नाटक के निर्देशक श्री हौबिन्स हैं ।सरस मेला परिसर में ग्राहकों के सहूलियत के लिए कैशलेश खरीददारी की भी सुविधा दी गई है l जीविका दीदियों द्वारा ग्राहक सेवा केंद्र संचालित हैं जहाँ ग्राहक एवं स्टॉल धारक रुपये की जमा-निकासी कर रहे है।सरस मेला में स्वच्छता का आलम यह है कि लोग हरे मैट पर ही सपरिवार देशी व्यंजनों एवं मिठाइयों का लुत्फ़ उठा रहे हैं l

 

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आम से लेकर खास के लिए सरस मेला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है l रसिया से आये एंजेल एवं बोरिश ने भी सरस मेला में लगे स्टॉल एवं उत्पादों का अवलोकन किया एवं स्वच्छता के साथ ही बेहतरीन आयोजन की बात कही l बिहार सरस मेला परिसर को पिरामिड फैब कोन इवेंट मेनेजर प्रा. लिमिटेड ने सजाया- संवारा हैं l

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