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गारंटी और वारंटी में क्या अंतर है

प्रॉडक्ट खरीदने के बाद मिलने वाली गारंटी या वारंटी को ज्यादातर ग्राहक एक जैसा ही समझते हैं। लेकिन ये अलग होती है। ग्राहक को ये बात तब पता चलती हैं, जब प्रॉडक्ट की रिपेयरिंग या बदलवाने के लिए स्टोर पर जाते हैं। कंज्यूमर वॉयस की लीगल हेड डॉ. प्रेम लता बता रही हैं गारंटी और वारंटी में क्या अंतर है। • गारंटी और वारंटी के बीच क्या फर्क होता है? खरीदे गए उत्पाद के खराब होने पर उसे डीलर या मैन्यूफैक्चरर या दुकानदार द्वारा उसी उत्पाद को ठीक करके या कराकर दिया जाता है और इसे ही वारंटी कहा जाता है। इसी तरह जब कोई दुकानदार या मैन्यूफैक्चरर किसी उत्पाद की गारंटी देता है तो इसका मतलब यह होता है कि उत्पाद एक तयशुद अवधि तक खराब नहीं होगा। यदि गारंटी पीरियड में प्रॉडक्ट खराब होता है नया प्रॉडक्ट दिया जाएगा।

• वारंटी की शर्तें क्या होती हैं? कंपनियां वारंटी के साथ शर्तें भी जोड़ देती हैं। जैसे पानी में मोबाइल गिरने पर वारंटी नहीं मिलती है। यदि डिवाइस को कंपनी के ऑथोराइज्ड स्टोर से इंस्टॉल नहीं कराया है, तो भी वारंटी लागू नहीं होती है। इसी तरह वॉटर प्यूरीफायर (आरओ) के मामलों में देखा जाता है। कंपनी या मैन्यूफैक्चर शर्त जोड़ता है कि उसे आप एक तयशुदा अवधि में चेक या सर्विस कराएं। ऐसा नहीं करने पर वारंटी खत्म हो जाती है। इन मानकों को पूरा करने के बाद भी यदि प्रॉडक्ट खराब होता तो स्टोर या मैन्यूफैक्चर आपको सही कराकर देगा।

• प्रॉडक्ट की गारंटी की शर्तें क्या होती हैं? गारंटी शुदा प्रॉडक्ट यदि लंबे समय तक सही चलता है और आखिर वक्त में खराब होता है तो मैन्यूफैक्चरर की जवाबदेही कम हो जाती है। जैसे- हाल में कंज्यूमर फोरम में वॉशिंग मशीन खरीदने वाले ने आरोप लगाया था कि चार साल बाद मशीन कपड़े सही साफ नहीं कर रही है। फोरम ने पाया कि मशीन सही चल रही थी, बस उसमें डिटरजेंट ज्यादा लग रहा था। इस मामले में फैसला मैन्यूफैक्चरर के पक्ष में गया। • प्रॉडक्ट कहीं से भी खरीदें तो भी क्या वारंटी अथवा गारंटी ग्राहक को मिलेगी?? जी हां, किसी भी प्लेटफॉर्म या डीलर से खरीदे गए उत्पाद पर मिलने वाली गारंटी या वारंटी पर कोई असर नहीं आएगा। पहले ऐसा जरूर था। लेकिन 2019 में प्रॉडक्ट लायबिलिटी क्लॉज जुड़ने के बाद उपभोक्ता संरक्षण कानून में अब प्रॉडक्ट कहीं से भी लिया जाए, उसे मिलने बाली गारंटी या वारंटी का लाभ खरीदार को मिलेगा ही। • वारंटी पीरिएड में प्रॉडक्ट के रिपेयर के लिए यदि विक्रेता अतिरिक्त पैसे मांगे तो क्या करे ?विक्रेता अतिरिक्त पैसा मांगे तो रसीद लेकर कंपनी के सेल में शिकायत करें। समाधान न हो तो उपभोक्ता कोर्ट में केस करें। वारंटी की तरह ही एक्सटेंड वारंटी की सूरत में शर्तें लगभग वही रहती हैं। आपको प्रॉडक्ट को उसके तय मानकों पर इस्तेमाल करना होता है। एक्सटेंड वारंटी में उत्पाद खराब होने पर सही कराने की जिम्मेदारी पूरी तरह स्टोर या मैन्यूफैक्चरर की होती है।

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