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विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी की यह है योजना, क्यां हो सकती है कारगत

मध्यप्रदेश में मिशन 2023 के लिए बीजेपी पूरी तरह से सक्रिय है। पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी इलाकों में कम सीटों की वजह से बीजेपी सरकार की हार हुई थी। इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए पेसा कानून लागू कर दांव खेला है।  ईस के अलावा सभी मोर्चे पे काम शुरु कर दिया है। ईस के अलावा बूथ पर बीजेपी की पूरी ताकत, हर मोर्चे के लिए अलग-अलग टीमें तैयार की जा रही हैं। आने वाले चुना वे बुथ स्तर पर ज्यादा फोकस कीया जा रहा है। गुजरात में बुथ स्तर पे बीजेपी को ज्यादा सफलता मिली थी।

भाजपा की बूथों से जोड़ने की योजना

भाजपा ने पार्टी के प्रत्येक मोर्चे को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर पर समितियां बनाने और टीम को मजबूत करने का प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। भाजपा की बूथ कमेटियों के अलावा युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी व एसटी मोर्चा भी अपनी-अपनी कमेटियां बनाएंगे। ऐसे में पार्टी नेतृत्व को वस्तुतः उन बूथों से जोड़ने की योजना है जहां लोगों का वह वर्ग बहुसंख्यक है, खासकर नए तकनीक के अनुकूल युवा। भाजपा नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में 51 फीसदी वोट शेयर का लक्ष्य रखा है।

एस-एसटी मोर्चे पे ईस तरह हो रहा है काम 

आदिवासी वीरों की प्रतिमा स्थापना से लेकर जनजातीय वीरों के जन्म स्थान व बलिदान स्थल का भी विकास किया जा रहा है। आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए पेसा कानून लागू कीया है। इधर एससी मोर्चा ने राज्य की 135 एससी वोटर बहुल विधानसभाओं के लिए एक विशेष योजना बनाई है। अनुसूचित जाति मोर्चा इन विधानसभाओं में प्रत्येक बूथ पर अपनी स्वयं की बूथ समितियां बनाएगा। अनुसूचित जाति मोर्चा 35,000 से अधिक अनुसूचित जाति के मतदाताओं वाले 135 निर्वाचन क्षेत्रों में नए मतदाताओं को जोड़ने और उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जोड़ने का काम करेगा।

सभी विधानसभाओं में प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे शुरु 
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने कहा कि प्रत्येक सभा के लिए एक प्रभारी बनाया गया है। वे अपने प्रभार में विधानसभा क्षेत्र में बूथ कमेटियां बनाएंगे। इन विधानसभा क्षेत्रों में बूथ कमेटियां और नए मतदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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