नई दिल्ली: कहते हैं कि कोई इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चंदौली जिले के एक मजदूर सलाउद्दीन के 17 साल की बेटी मोहम्मद इरफान इरफान ने। मोहम्मद इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा नानी कक्षा 12 की परीक्षा मैं 82.71 प्रतिशत टॉप किया है संस्कृत शिक्षक बनने का सपना देखने वाले मोहम्मद इरफान 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश में टॉप 20 में आने वाले छात्रों में से मात्र मुस्लिम छात्र हैं पूर्ण विराम की मेहनत का ही नतीजा है कि वह इतने अच्छे अंक से शिक्षा पास की है शायद यही वजह है कि खान के पिता अपनी बेटी की इस कामयाबी पर काफी खुश हैं जाहिर है कि हर एक बाप अपने बेटे की खुशी में खुश होता है।
टॉप करने वाले छात्र मोहम्मद इरफान के पिता मजदूरी करते हैं अपने बेटे की इस कामयाबी पर उसी का जाहिर करते हुए मोहम्मद इरफान के पिता ने कहा कि हमने इरफान को संपूर्णानंद स्कूल में दाखिला दिलाया था क्योंकि स्कूल था जिसकी वह फीस दे सकते थे या नहीं स्कूल की फीस देने के लायक से उससे ज्यादा की फीस लेने के वह लायक नहीं थी पूर्ण विराम ऐसे में बेटे ने कामयाबी हासिल की तू हमें बहुत ही खुशी महसूस हो रही है।
पिता ने कहा कि मैं एक खेतों में काम करने वाले मजदूर हूं जिसे ₹300 की दैनिक मजदूरी मिलती है। खास बात यह है कि हमें हर महीने दिनों के लिए काम मिलता है जिस कुछ कमाई हो जाती है। मोहम्मद इरफान के पिता ने कहा कि हालत में हम इरफान को प्राइवेट स्कूल या किसी दूसरे महंगे स्कूल में नहीं भेज सकते थे हमने उसका दाखिला संपूर्णानंद संस्कृत सरकारी स्कूल में कराया था क्योंकि हमारा इकलौता बच्चा है इसलिए उसे जहां तक मुमकिन हो सके पढ़ाओ ताकि वह भविष्य में कामयाब हो सके।
मोहम्मद इरफान के पिता सलाउद्दीन ने कहा कि हमारा लड़का इरफान शुरू से ही मैं बहुत अच्छा था शुरू से उसने संस्कृत भाषा में अपनी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी पूर्ण विराम सलाउद्दीन ने बताया कि इरफान अपनी पढ़ाई में इतना समर्पित था कि उसने कभी भी किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं की।

