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पोस्टर बैनर लगाने से चुनाव नहीं जीता जाता,नितिन गडकरी के बयान से निकलने लगे कई मायने, पीएम मोदी पर निशाना तो नहीं !

नई दिल्ली:अपने बेबाक अंदाज के लिए राजनीतिक हलकों में सुर्खियां बटोरने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान आज फिर सुर्खियों में है।राजस्थान के सीकर जिले के खाचरियावास गांव में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने जो बात कही है वो सुर्खियों में हैं।कहा जाता है कि नितिन गडकरी संघ के भी करीबी लोगों में शुमार होते हैं। शायद यही वजह है कि कई बार अपने बयान से केंद्र की मोदी सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमलावर होने के बावजूद नितिन गडकरी के खिलाफ किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। नितिन गडकरी कई एक मौके पर अपने बेबाक अंदाज में अपनी बात रख चुके हैं जिसकी मिसाल देकर विपक्ष की पार्टियां कई बार केंद्र की मोदी सरकार पर हमला भी बोलती हैं। इससे पहले कि हम आपको केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ताजा बयान के राजनीतिक मायने और मतलब बताएं आइए इससे पहले नितिन गडकरी के 21 बयान पर नजर डालते हैं जो उन्होंने बीते दिनों दिया था। वह बयान ऐसा था के उस बयान के कारण खुद उनकी पार्टी और उनकी सरकार ही न सिर्फ यह कि सवालों के घेरे में आ गई थी बल्कि पार्टी और सरकार की किरकिरी भी हुई थी। एक बार तो ऐसा लगा था कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी उपेक्षा से नाराज हैं जिसका उन्होंने खुले लफ्जों में इजहार भी किया था। आप भी देखें उनका क्या था पहले का बयान।

सरकार में समय पर फ़ैसले नहीं लिए जाते
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का सरकार के कामकाज को लेकर दिया गया बयान चर्चा में आया था।उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार में समय पर फ़ैसले नहीं लिए जाते हैं।उन्होंने कहा था कि निर्माण के मामले में समय सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है. समय सबसे बड़ी पूंजी है. सबसे बड़ी समस्या ये है कि सरकार फ़ैसले समय पर नहीं लेती है.”उन्होंने कहा था कि  ”आप चमत्कार कर सकते हैं. हमारे पास क्षमता है. मेरा कहना है कि भारत के बुनियादी ढांचे का भविष्य सुनहरा है. हमें दुनिया और भारत की अच्छी तकनीक़, अच्छी रिसर्च और सफ़ल तरीक़ों को स्वीकार करना होगा. हमारे पास वैकल्पिक संसाधन होने चाहिए जिससे हम गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत घटा सकें।

किसी को कभी भी इस्तेमाल करना और फेंकना नहीं चाहिए.
बीजेपी के संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने नागपुर में उद्यमियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि  व्यक्ति का अंत तब नहीं होता, जब वह हार जाता है बल्कि तब होता है जब वह काम करना छोड़ देता है।जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है। किसी को कभी भी इस्तेमाल करना और फेंकना नहीं चाहिए. अगर आपने एक बार किसी का हाथ थामा है तो फिर अच्छे दिन हों या बुरे दिन, उसे लगातार थामे रखें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उगते सूरज की पूजा न करें।

ताज़ा बयान क्या है

अब बात करते हैं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की हालिया बयान की। अपने हालिया बयान में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोगों की सेवा और कल्याण की राजनीति पर वोट दिए जाते हैं न कि पोस्टरों पर। गडकरी ने कहा कि वह अगले चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को पोस्टर लगाने या लोगों को चाय पिलाने जैसा कुछ नहीं करेंगे और जिन्हें वोट देना है वो वोट देंगे और जिन्हें नहीं देना है वो वोट नहीं देंगे।उनका कहना है कि कोई पोस्टर से चुनाव नहीं जीतता है, वोट मिलता है सेवा की राजनीति से.. विकास की राजनीति से, वोट मिलता है गांवों में गरीबी का कल्याण करने से.. स्वास्थ्य शिक्षा की सुविधाएं देने से बच्चों को अच्छे स्कूल देने से वोट मिलता है।

कहीं पीएम मोदी पर निशाना तो नहीं!

यानी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हालिया बयान पर एक बार फिर सियासत होने की संभावना है। यह संभावना इसलिए है क्योंकि अभी हाल ही में धुआंधार प्रचार और पोस्टर बाजी के बावजूद कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। गडकरी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाए जाने के तौर पर भी देखा जा सकता है क्योंकि कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धुआंधार प्रचार करके पार्टी को जीत दिलाने की कोशिश की थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस कोशिश में न सिर्फ नाकाम रहे बल्कि पार्टी को करारी हार से भी नहीं बचा पाए। ऐसे में इशारों इशारों में नितिन गडकरी का वार विपक्षी पार्टियों के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की जाएगी।

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