बेलसंड : बेलसंड नगर पंचायत में मूर्ति विसर्जन के दौरान निकले जुलूस पर रविवार तड़के पथराव और उसके बाद दो स्थानों पर आगजनी करके माहौल बिगाडऩे की कोशिशों में पुलिस ने दोनों पक्षों से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें महिला एवं पुरुष भी शामिल हैं। घटना के संबंध में बेलसंड थानाध्यक्ष नवलेश आजाद ने खुद के बयान पर दोनों पक्षों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। जिसमें 74 लोगों को नामजद किया गया है तथा तकरीबन डेढ़ सौ लोगों को अज्ञात मानकर आरोपी बनाया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि इनमें से 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि इलाके में माहौल बिल्कुल सामान्य है।
उधर, सोमवार को दूसरे दिन भी बेलसंड शहर में दुकानें बंद रहीं। पुलिस एवं प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बंदोबस्त है। दुकानें बंद रहने से जनजीवन को परेशानी झेलनी पड़ी। सड़कों पर लोग अपेक्षाकृत कम निकले। जिला मुख्यालय से भेजे गए उप समाहर्ता प्रभारी स्थापना अभिराम त्रिवेदी के नेतृत्व में थाना परिसर में शांति समिति की बैठक बुलाई गई। जिसमें दोनों पक्ष के लोगों के साथ-साथ एसडीएम ललित राही, डीएसपी रविशंकर प्रसाद, बीडीओ नेहा कुमारी, सीओ अशोक कुमार आदि उपस्थित थे। व्यवसायियों से दुकानें खुलवाने की अपील की गई। शांति समिति की बैठक में नगर अध्यक्ष रंधीर कुमार, रामाकांत ङ्क्षसह, कौशल किशोर ङ्क्षसह, मो. •ाुबैर, साबिर अली, सुरेश प्रसाद, मो. काजिम, जयशंकर ठाकुर, मुन्ना ठाकुर, मोनू झा, जामुन राय, बृजनंदन प्रसाद, गिरजानंदन ङ्क्षसह समेत कई लोग थे।
प्रशासन ने लोगों से जनहित में दुकानें खोलने का आग्रह किया। उनकी समस्या समझने और उसके निदान के लिए प्रयास किया, लेकिन प्रयास सफल नहीं हो सका। उपस्थित गण्यमान्यों ने भी व्यवसायियों को समझाकर जनजीवन सामान्य रखने के लिए लोगों से अपील की। लोग मानने को तैयार नहीं हुए। अंत में अंचलाधिकारी बैठक में उपस्थित लोगों के साथ शहर में घूो। लोगों को समझाने की पहल शुरू की। पूरे शहर में हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल तैनात है। पुलिस प्रशासन भले ही स्थिति को सामान्य बता रहा है मगर हालात तनावपूर्ण है। लोगों में पुलिस की लापरवाही को लेकर भी काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि पूर्व में भी बेलसंड में इस तरह की घटना मूर्ति विसर्जन के दौरान घटित हो चुकी है। बावजूद प्रशासन के द्वारा कड़ी व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी ? क्या बेलसंड थाना पुलिस को इस बात का अंदेशा नहीं था कि इस तरह की घटना की पुनर्रावृत्ति हो सकती हैं?
शांति समिति में समाज के प्रभावी लोगों को रखा जाना चाहिए ताकि कोई नासमझी की स्थिति उत्पन्न होती है तो तुरंत उसपर काबू पाया जा सके। शांति समिति के सदस्यों को अपनी भूमिका को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए। आखिर किन परिस्थितियों में देर रात्रि प्रतिमा विसर्जन जुलूस को अनुमति दी गई। डीएम रिची पाण्डेय, एसपी मनेाज कुमार तिवारी की सूझबूझ के चलते माहौल पर काबू पा लिया गया। स्थानीय स्तर पर हुई लापरवाही के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।

