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उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने वोटर लिस्ट घोटाला के साथ उम्र घोटाला भी किया है, चुनाव आयोग चुप क्यों है, कब कार्रवाई होगी : तेजस्वी प्रसाद यादव

पटना:नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो हमलोगों ने रिसर्च किया उसका आज एक बड़ा खुलासा करने जा रहे हैं। अब आपलोग ही इस मामले में फैसला करें कि इसे फर्जी मामला मानेंगे या चुनाव आयोग के द्वारा जो गहन मतदाता पुनरीक्षण की बात की जा रही है उसमें कितनी गहनता है, यह स्पष्ट रूप से सामने आ गया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा का दो-दो विधान सभा क्षेत्र में नाम दर्ज है और दोनों जगह इनका उम्र भी दो तरह का है। एस.आई.आर के बाद भी 01 अगस्त, 2025 को जो चुनाव आयोग ने मामले सामने आये हैं उसमें भी विजय कुमार सिन्हा के दोनों जगह नाम दर्ज है, जिसमें इन्होंने उम्र घोटाला भी किया है। इनका मुंगेर लोकसभा अन्तर्गत लखीसराय विधान सभा क्षेत्र के भाग संख्या 168, इपिक नं0 प्।थ्3939337ए बुथ नं0-231, क्रमांक-274 जो उपभोक्ता फार्म कार्यालय दायां भाग के पूरब भाग में दर्ज है, जिसमें इनका उम्र 57 वर्ष है। वहीं दूसरी ओर पटना साहिब लोकसभा अन्तर्गत बांकीपुर विधान सभा भाग संख्या 182, इपिक नम्बर प्थ्ैव्853341ए बुथ नं0 405, क्रमांक-757 में आयुर्वेदिक कॉलेज, कदम कुआं (मध्य भाग) पटना में दर्ज है, जिसमें इनका उम्र 60 वर्ष है। दो अलग-अलग जिलों में दो इपिक और दो तरह के उम्र से यह स्पष्ट होता है कि किस तरह से एस.आई.आर के नाम पर गड़बड़ी हो रही है। विजय सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास हैं। जब इनका एस.आई.आर के बाद भी दोनों जगह नाम है तो उन्होंने एस.आई.आर के फार्म पर दोनों जगह हस्ताक्षर भी किये होंगे तभी तो ड्राफ्ट रोल में इनका दोनों जगह नाम आया है। यदि इन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया है तो बिहार में जब उपमुख्यमंत्री के दो जगह और दो विधान सभा क्षेत्रों में नाम अंकित है तो किस तरह का एस.आई.आर हुआ है यह समझ से परे है। अब चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि इस तरह का फर्जीवाड़ा उपमुख्यमंत्री के द्वारा किया गया है या एस.आई.आर में ही फर्जीवाड़ा हो रहे हैं। इससे पहले उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को बताना चाहिए कि वो दोनों विधान सभा क्षेत्र में वोट किये हैं तो इन्होंने चुनाव आयोग के गाईड लाईन और संहिता का उल्लंघन किया है जो एक बड़ा मामला है। जब भी ये लोग घर-घर गये तब उपमुख्यमंत्री से हस्ताक्षर लिये होंगे तो वो जानबूझकर इस तरह का गड़बड़ी किये हैं जो एक गंभीर मामला है और इनपर पटना तथा लखीसराय जिला प्रशासन की ओर से अब तक नोटिस क्यों नहीं जारी किये गये हैं जबकि तेजस्वी जी के मामले में बिना सच्चाई जाने मीडिया ट्रायल करना शुरू कर दिया गया। शुरू से हमलोग कह रहे हैं कि एस.आई.आर में पारदर्शिता और निष्पक्षता नहीं दिख रही है। मीडिया के माध्यम से मुझे नोटिस की सूचना मिली जबकि यह हमारे और नोटिश देने वाले के बीच का मामला था। जब हमें नोटिस भेजा गया तो 07 अगस्त, 2025 के संध्या में नोटिश हस्तगत कराया गया और जो स्पीड पोस्ट से नोटिस मिला वो 08 अगस्त, 2025 की सुबह में। मैंने 08 अगस्त, 2025 को ही स्पीड पोस्ट से संबंधित नोटिश का जवाब भेज दिया है। लेकिन उसके बाद भी अलग से नोटिस भेजे जाने की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली जिसमें 16 अगस्त, 2025 तक जवाब देने की बात आयी है जबकि हमने 08 अगस्त, 2025 को ही नोटिस का जवाब दे दिया है। लोकतंत्र और संविधान को किस तरह से सत्ता पक्ष के द्वारा खत्म करने की साजिश चल रही है ये स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग के माध्यम से जो एस.आई.आर हुए हैं उससे पता चलता है। जो भी बात जनता के हित में विपक्ष के द्वारा उठायी जाती है उस पर चुनाव आयोग के द्वारा नोटिस देकर लोगों में भ्रम फैलायी जा रही है। जबकि चुनाव आयोग ने जो 65 लाख मतदाताओं के नाम काट दिये हैं उसके संबंध में हमलोगों के बार-बार मांग के बाद भी बूथवार और ऑनलाईन उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं जबकि होना ये चाहिए था कि जिनके नाम ड्राफ्ट रोल से हटाये गये हैं उनके संबंध में ऑनलाईन भी उनकी सूचना होनी चाहिए थी। बार-बार चुनाव आयोग ये कहता है कि हमें कोई आपति या इसके संबंध में किसी तरह का कहीं से सूचना नहीं दी गई है तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि लगातार विपक्षी दलों के द्वारा हमारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा इस संबंध में शिकायत और आपति दर्ज करायी गई है लेकिन इस संबंध में चुनाव आयोग झूठ का सहारा ले रहा है जबकि इसकी पावती हमारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के पास उपलब्ध है। जहां तक पारदर्शिता और निष्पक्षता की बात है ये कहीं से नहीं दिखता है। चुनाव आयोग 07 एवं 08 अगस्त, 2025 को बी.एल.ओ और बी.एल.ए के साथ बैठक की बात कहती है लेकिन इसकी सूचना बहुत ही कम समय में दी जाती है और रक्षाबंधन के दिन बैठक बुलाकर सिर्फ खानापूरी की गई। बात हमारी नहीं बल्कि 65 लाख मतदाताओं के अधिकार को छीनने की बात है वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के दुलरूआ विजय सिन्हा जैसे लोगों ने जो फर्जीवाड़ा किया है उस पर चुनाव आयोग खामोश क्यों है? आने वाले समय में और बड़ा खुलासा करेंगे। मीडिया के लोग सच और सच्चाई दिखायें क्योंकि जिस तरह के मामले सामने आये हैं ये पूरे एस.आई.आर पर ही सवाल खड़ा करता है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि 2003 में जिनका नाम वोटर लिस्ट में है उसके संबंध में चुनाव आयोग ने 24 जून, 2025 के आदेश में जिक्र किया लेकिन चुनाव आयोग के कथनी और करनी में काफी अन्तर है। क्या 2003 के बाद जितने भी मतदाता के नाम अंकित है या जुड़े हैं वे सब फर्जी हैं। चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए। 65 लाख एस.आई.आर के बाद नाम हटा दिये गये लेकिन उपमुख्यमंत्री जो प्रधानमंत्री जी के खासमखास हैं उनके द्वारा जो वोटर लिस्ट में घोटाला और उम्र घोटाला किया गया है उसके लिए चुनाव आयोग को दोषी माना जाय या विजय सिन्हा को। इसे लिए विजय सिन्हा दोषी है तो इनपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और अब तक चुनाव आयोग इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं जबकि तेजस्वी के मामले पर चुनाव आयोग तुरंत माहौल बनाने का और मीडिया ट्रायल का कार्य किया गया था। जिस तरह का कार्य हो रहा है उससे स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग हर दिन अपना ड्राफ्ट लिस्ट को बदल रही है। पहले नाम से ही डिजिटली वोटर लिस्ट में नाम अपलोड हो जाते हैं लेकिन नई फाईल के बाद सर्च करना आसान नहीं रह गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी के सवाल उठाने के बाद चुनाव आयोग इस तरह के ड्राफ्ट सूची को बदल दी है और जो पहले से फाईल मतदाता सेवा पोर्टल के माध्यम से आता था उसे बंद कर दिया गया है। जिस तरह का चुनाव आयोग के द्वारा गंदा खेल खेला जा रहा है इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के इशारे पर और उनके अनुसार ही चुनाव आयोग कार्य कर रही है। जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश और उनके सुझाव को भी चुनाव आयोग नहीं मान रही है तो इसी से समझा जा सकता है कि किस तरह का खेल खेला जा रहा है। इन्होंने कहा कि हमलोग लोकतंत्र और बिहार के लोगों के अधिकार की लड़ाई को सदन, सड़क से लेकर न्यायालय तक ले जाने का काम किया है और आगे भी आगे भी करेंगे क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने वाली कार्रवाई एस.आई.आर के नाम पर चल रही है और भाजपा चुनाव आयोग को माध्यम बनाकर मतदाताओं के अधिकार को छीनना चाहती है।
इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ0 सुनील कुमार सिंह, युवा राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह विधायक कारी मोहम्मद सोहैब, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह भी उपस्थित थीं।

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