नई दिल्ली:हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद भारत में बड़े मचे बवाल के बीच अदानी ग्रुप के शहर में होने वाली गिरावट से जहां पूरा भूचाल मच गया है वही अब भारत में अडानी ग्रुप पर भरोसा करने वालों का भरोसा भी डगमगाने लगा है। इसके साथ ही भारत में विभिन्न सरकारी बैंकों के द्वारा अडानी ग्रुप को दिया जाने वाला कर्ज भी अब सवालों के घेरे में आ गया है। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया ने बयान जारी करके कहा है कि भविष्य में अब कोई भी लोन देने से पहले पूरी तरह जांच परख कर दी जाएगी। इस बीच अडानी के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी लेने वाली भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी भारतीय जीवन बीमा निगम बहुत बड़े घाटे में आ गया है और उसे भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।’हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर (Adani group share) भरभराकर गिरे. सिर्फ एक दिन में ग्रुप का मार्केट कैप 3.37 लाख तक कम हो गया. अडानी समूह के शेयरों में गिरावट इसके निवेशकों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. और इसका सबसे बड़ा झटका लगा है सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC को. LIC अडानी ग्रुप की कंपनियों में सबसे बड़ा घरेलू निवेशक है. शेयर मार्केट में मची इस अफरातफरी से LIC को 16 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. सिर्फ दो दिनों में अडानी ग्रुप की कंपनियों में LIC की होल्डिंग वैल्यू 22 फीसदी तक कम हो गई.
आपको पता ही होगा कि अदानी ग्रुप में लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन यानी एलआईसी की बहुत बड़ी भागीदारी है और एलआईसी ने अदानी ग्रुप में बहुत सारा पैसा निवेश कर रखा है। यह पैसे एलआईसी ने अपने निवेशकों के लगाए हैं। खबरों के अनुसार अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में LIC की शेयरहोल्डिंग है. अंग्रेजी अखबार मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी टोटल गैस में LIC की शेयरहोल्डिंग 5.96 फीसदी है. दो दिनों की गिरावट से बीमा कंपनी को 6,232 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 27 जनवरी को मार्केट बंद होने तक अडानी टोटल गैस के शेयर 20 फीसदी तक गिरे थे. इसी तरह अडानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक में LIC की हिस्सेदारी 4.23 फीसदी है. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर के दाम 3442 रुपये से 2768 पर (करीब 19 फीसदी) आ गए. कीमत गिरने के बाद LIC को 3245 करोड़ का नुकसान हुआ है। यानी भारतीय जीवन बीमा निगम अथवा एलआईसी को अदानी के शेयर करने से बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ गया है। अब एलआईसी इस नुकसान की भरपाई कैसे करता है और अपने निवेशकों को किस हद तक विश्वास दिलाता है कि उनका टूटा हुआ विश्वास वापस आएगा यह देखने वाली बात है।
The Lallan Top ke अनुसार 24 जनवरी को LIC की होल्डिंग वैल्यू 72 हजार करोड़ रुपये थी. जो बाजार बंद होने के बाद 55 हजार करोड़ पर आ गई. अडानी ग्रुप की जिन कंपनियों के स्टॉक में LIC की शेयरहोल्डिंग है, उनमें अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी ट्रांसमिशन, अंबूजा सीमेंट्स, अडानी ग्रीन, एसीसी सीमेंट्स हैं. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 27 जनवरी को इन सभी कंपनियों के शेयर बुरी तरह लुढ़क गए. इसके अलावा अडानी पावर और अडानी विल्मर के शेयर 5 फीसदी तक गिरे हैं.
LIC को हुए इस नुकसान के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से मांग की है कि वो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की जांच करे. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि LIC में करोड़ों भारतीयों के पैसे लगे हैं जो अपनी पूरी जिंदगी की बचत को भरोसे से जमा करते हैं.

