बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वृद्धा पेंशन योजना को लेकर बड़ा सख्त निर्देश जारी किया है। समाज कल्याण विभाग को आदेश दिया गया है कि राज्य के सभी लाभार्थियों के खाते में हर महीने की 10 तारीख तक पेंशन राशि अनिवार्य रूप से पहुंच जानी चाहिए। यदि किसी जिले में भुगतान में देरी होती है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने इस फैसले को प्रशासनिक प्राथमिकता में शामिल कर पेंशन वितरण को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने वृद्धा पेंशन की राशि बढ़ाकर 400 रुपये से 1100 रुपये कर दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं DBT के माध्यम से राशि ट्रांसफर की निगरानी की। इसके चलते योजना में नए लाभार्थियों के आवेदन तेजी से बढ़ रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 1.13 करोड़ वृद्धजन हर महीने 1100 रुपये की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। विभाग मुख्यालय से यह भी ट्रैक किया जाएगा कि किस जिले में कितने आवेदन लंबित हैं और उनके निपटारे की गति क्या है।
सरकार उन लाभार्थियों की पेंशन बहाल करने पर भी काम कर रही है जिनकी सुविधा सत्यापन समस्याओं के कारण बंद हो गई थी। कई मामलों में बुजुर्गों के फिंगरप्रिंट मैच न होने से पेंशन भुगतान रुक गया था। अब ऐसे मामलों में शिविर लगाकर पुनः सत्यापन कराया जाएगा। जिलों में तैनात अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं ताकि पेंशनधारी बिना बाधा सुविधा प्राप्त कर सकें।

