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RTE भुगतान में देरी और QR कोड से वंचना के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

पटना:प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (PSACWA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद आज एक शिष्टमंडल के अंतर्गत एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी छपरा के हरेंद्र सिंह, सिवान के सेक्रेटरी शिव जी प्रसाद, इंजीनियर आशीष कुमार एवं सचिव फौजिया खान के साथ बिहार के माननीय शिक्षा मंत्री से उनके सरकारी कार्यालय में मिले और उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जो क्रमबद्ध रूप से थी।

1) यू डायस में बच्चों का नाम सुधारने का ऑप्शन स्कूल स्तर पर उपलब्ध नहीं है।
2) 1st से उपर तक बच्चों को प्रमोट करने का ऑप्शन स्कूल स्तर पर उपलब्ध नहीं है।
3) कक्षा 2nd और इस से उपर के वर्गों में नए बच्चों को स्कूल स्तर पर जोड़ने का ऑप्शन उपलब्ध नहीं है।
उपरोक्त तीनों समस्याओं का ऑप्शन स्कूल स्तर पर कराने की कृपा करें ताकि हम लोग समय की बर्बादी, शोषण और
पदाधिकारियों के दुर्व्यवहार से बच सकें।
4) पहले से मान्यता प्राप्त स्कूल जिन्हें यू डायस प्राप्त है उन्हें QR code अविलंब दिया जाए ताकि अधिक से अधिक ग़रीब
बच्चे RTE का लाभ उठा सकें और यू डायस में सही आंकड़ा सरकार को प्राप्त हो सके।
5) कुछ स्कूल पहले से मान्यता प्राप्त होने के कारण नियमित रूप RTE के तहत गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आ रहे
हैं और बदले में सरकार द्वारा 2018 तक RTE की सहयोग राशि भी प्राप्त करते रहे हैं।2022 में जब Qr code की बात आई तो कुछ
स्कूल Qr code से वंचित हो गए। चूंकि ज्ञानदीप पोर्टल पर rte के तहत नामांकित बच्चों की एंट्री केवल qr code प्राप्त स्कूल ही कर
सकते हैं। इस कारण बहुत से निजी स्कूल जो rte के तहत गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं वे अपने बच्चों की एंट्री ज्ञानदीप पोर्टल पर अभी तक नहीं कर सकें हैं। उन्हें 2019 से 2025 तक के rte के तहत नामांकित बच्चों को ज्ञानदीप पोर्टल पर एंट्री करने का अवसर दिया जाए ताकि वे RTE की प्रतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के अधिकारी हो सकें।
6) अपार बनाते समय आधार की जानकारी ही मान्य है। बहुत से बच्चों की जन्म तिथि माता पिता की निरक्षरता के कारण गलत है।
जन्म तिथि में सुधार के जन्मप्रमाण पत्र जरूरी है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल अपने लेटर पैड पर लिखकर देते हैं तो आसानी से ब्लॉक में जन्मप्रमाण पत्र जारी हो जाता है यह सुविधा हम निजी स्कूलों को भी दिया जाए ताकि हमारे बच्चों का भी जन्मप्रमाण पत्र आसानी से बन सके और हम भी अपार बनाने में शतप्रतिशत सफल हो सकें।
7) जिन विद्यालयों की मान्यता की अवधि समाप्त हो गई है उन विद्यालयों को अगले पांच वर्षों तक के लिए मान्यता दी जाए ताकि वहां पढ़ रहे छात्रों को कोई परेशानी न हो।
8)अभी तक कई जिलों में DM के स्तर पर जांच हो चुकी है लेकिन उन विद्यालयों को RTE का पैसे नहीं मिल पा रहा है और कई ऐसे विद्यालय भी है जिनका जांच नहीं हुआ है। जबकि आपके स्तर से कई बार जिलों में चिट्ठी भेजी जा चुकी है फिर भी प्रतिपूर्ति की राशि नहीं दी गई है।शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है के दुर्गापूजा से पहले इन सारी समस्याओं का समाधान निश्चित होगा।

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