दिवाली के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘गंभीर श्रेणी’ (Severe Category) में पहुंच गई है। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार और प्रशासन के सख्त दिशा-निर्देशों के बावजूद राजधानी के कई इलाकों में आतिशबाजी के मामले सामने आए। नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने अब तक 150 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं।
दिल्ली सरकार ने इस बार भी पटाखों की बिक्री, भंडारण और जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था। बावजूद इसके कई जगहों पर नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीमों ने रविवार रात और सोमवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों — शाहदरा, नरेला, द्वारका, रोहिणी और पूर्वी दिल्ली — में छापेमारी की। इन अभियानों के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया और अवैध पटाखों को जब्त किया गया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कुल 150 केस दर्ज किए गए, जिनमें अधिकांश मामले पटाखे फोड़ने, अवैध रूप से बेचने और स्टॉक रखने से संबंधित हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत की जा रही है।
दिवाली के अगले ही दिन सुबह दिल्ली का AQI (Air Quality Index) 450 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया, जो ‘गंभीर’ स्तर में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों से निकलने वाला धुआं, ठंडी हवाओं और पराली जलाने के धुएं के साथ मिलकर प्रदूषण को और खतरनाक बना देता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार कदम उठा रही है, लेकिन नागरिकों का सहयोग सबसे अहम है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आने वाले त्योहारों में पर्यावरण-अनुकूल तरीके से जश्न मनाएं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने भी कहा कि आने वाले दिनों में हॉटस्पॉट इलाकों की निगरानी और बढ़ाई जाएगी। वहीं, जो भी लोग पटाखों की बिक्री या जलाने में पकड़े जाएंगे, उन पर जुर्माना और सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

