मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में जौनपुर के सुरेरी थाने में एक अनोखी पहल देखने को मिली, जब कक्षा 10 की छात्रा स्वाति मिश्रा को एक दिन का थानाध्यक्ष (One Day Police Officer) बनाया गया। स्वाति ने ‘नायक’ फिल्म की तरह थाने की कुर्सी संभालते ही फरियादियों की समस्याएं सुनीं और तत्काल समाधान के निर्देश दिए। खास बात यह रही कि उनके हस्तक्षेप से थाने में लंबित 10 साल पुराना विवाद भी सुलझ गया। इस पहल ने न केवल लोगों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत किया बल्कि बालिकाओं में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ाई।
मिशन शक्ति अभियान के तहत राज्य सरकार का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना है। इसी क्रम में आयोजित इस पहल के दौरान छात्रा स्वाति मिश्रा ने पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका बेहद गंभीरता से निभाई। उन्होंने न केवल लोगों की शिकायतें सुनीं बल्कि थाना परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों से कार्यप्रणाली की बारीकियां भी समझीं। स्वाति के निर्णय से थाने में मौजूद फरियादी भी प्रभावित हुए और कई पुराने मामलों में दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया। इस अनुभव के बाद स्वाति ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लगा कि मुझे पुलिस अधिकारी बनने का अवसर मिला। मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं, लेकिन अगर पुलिस सेवा में आने का मौका मिला, तो अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करूंगी।”
स्वाति के स्कूल प्रिंसिपल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्वाति एक मेधावी और अनुशासित छात्रा है, जो भविष्य में समाज के लिए प्रेरणा बनेगी। उन्होंने कहा कि “ऐसी पहल से बच्चियों में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की भावना विकसित होती है।” वहीं स्थानीय लोगों ने भी इस कदम को सराहा और कहा कि यह अभियान समाज में महिलाओं की भूमिका और क्षमता को उजागर करता है। मिशन शक्ति के इस प्रयास से यह संदेश गया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं, और अगर अवसर मिले तो वे नेतृत्व की हर भूमिका बखूबी निभा सकती हैं।

