देशभर में सबसे कुख्यात नक्सली कमांडरों में शामिल पीएलजीए का टॉप लीडर और माओवादी केंद्रीय समिति का सदस्य माड़वी हिडमा को सुरक्षाबलों ने एक बड़ी मुठभेड़ में ढेर कर दिया। छत्तीसगढ़–आंध्र बॉर्डर के पुल्लागंडी के घने जंगलों में चलाए गए संयुक्त अभियान के दौरान CRPF और पुलिस ने इस खूंखार माओवादी को उसकी पत्नी सहित मार गिराया। केंद्र सरकार द्वारा 30 नवंबर तक हिडमा को ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने की तय समयसीमा से 12 दिन पहले यह ऑपरेशन सफल हुआ।
43 वर्षीय हिडमा दो दर्जन से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था। 2010 के ताड़मेटला हमले में CRPF के 76 जवानों की शहादत, 2013 के दरभा घाटी नरसंहार में कांग्रेस नेताओं की हत्या और 2017 के बुरकापाल हमले में 25 जवानों की शहादत—इन सभी में उसकी प्रमुख भूमिका रही। कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद हिडमा रणनीति, त्वरित निर्णय क्षमता और अंग्रेजी साहित्य में रुचि के लिए जाना जाता था।

