Nalanda News: बिहार में नई सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नालंदा जिले के रहूई प्रखंड स्थित सोनसा पंचायत के शिवनंदन नगर में दशकों से रह रहे सैकड़ों परिवारों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद 26 नवंबर तक घर खाली करने की नोटिस जारी की गई है। इस फैसले से इलाके में हड़कंप मच गया है और इसे गरीब एवं दलित परिवारों के खिलाफ कार्रवाई बताया जा रहा है।
सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने इस नोटिस के खिलाफ जिला समाहरणालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क को कुछ समय तक जाम कर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। भाकपा नेता शिवकुमार यादव ने आरोप लगाया कि अंचलाधिकारी की मिलीभगत से वर्षों से बसे दलित और महादलित परिवारों को अतिक्रमणकारी घोषित कर हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भूमिहीनों को पाँच डिसमिल जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को जमीन नहीं मिली, ऐसे में बिना पुनर्वास बस्ती हटाना अन्याय है
भाकपा ने मांग की कि राज्य सरकार हर 20 परिवारों के समूह को वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराए। इसके साथ ही आवास, पानी, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाएँ सुनिश्चित करने की बात कही गई। पार्टी ने चेतावनी जारी की कि जब तक प्रभावित परिवारों का स्थायी पुनर्वास नहीं होता, तब तक किसी को शिवनंदन नगर से नहीं हटने दिया जाएगा और गरीबों को अतिक्रमण के नाम पर परेशान करने की कार्रवाई बंद की जानी चाहिए।

