हांगकांग के ताइ पो जिले स्थित वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में बुधवार को लगी भीषण आग ने भयावह रूप ले लिया। इस हादसे में अब तक 44 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि करीब 300 लोग अभी भी लापता हैं। 2,000 फ्लैट वाले इस भीड़भाड़ वाले कॉम्प्लेक्स में 4,600 से अधिक लोग रहते हैं, जहां आग तेजी से फैलने के कारण कई लोगों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। गुरुवार सुबह तक चार ब्लॉकों में आग पर नियंत्रण पाया गया, जबकि तीन में दमकल की कोशिशें जारी रहीं।
पुलिस और फायर विभाग के अनुसार, मेंटेनेंस कार्य के दौरान लगाए गए असुरक्षित बांस के मचान, प्लास्टिक कवर और फोम शीट्स ने आग को भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई। कई खिड़कियाँ फोम से सील होने के कारण धुआं और गर्मी अंदर भर गई, जिससे हालात और गंभीर हो गए। ऊपरी मंज़िलों में फंसे लोगों तक पहुंचने में फायर ब्रिगेड को रातभर मशक्कत करनी पड़ी। बताया गया कि मृतकों में एक फायरफाइटर भी शामिल है, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा 1948 के बाद हांगकांग में सबसे घातक आग बताया जा रहा है।
लापरवाही के आरोप में निर्माण कंपनी के दो निदेशकों और एक इंजीनियरिंग कंसल्टेंट को गैर-इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग के नेता जॉन ली ने कहा कि प्राथमिकता फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और राहत कार्य तेज करने की है। लगभग 900 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जबकि 279 लोगों से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है।

