पटना: बिहार में लागू मद्यनिषेध कानून के तहत जब्त वाहनों से जुड़े मामलों में पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने अली अशरफ सिद्दीकी की गाड़ी की जब्ती को अनुचित ठहराते हुए वाहन को तीन दिनों के भीतर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जब वाहन चोरी होने की आधिकारिक रिपोर्ट मौजूद है और मालिक की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है, तब जब्ती प्रक्रिया न्यायसंगत नहीं मानी जा सकती।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील सतीश चंद्र मिश्रा और नुरुल होदा ने कहा कि गाड़ी 6 मई 2024 को चोरी हो गई थी, जिसके बाद काफी समय बीतने पर उसे शराब के साथ बरामद किया गया। इसके बावजूद जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सीवान ने दंड राशि जमा करने और नीलामी प्रक्रिया बढ़ाने का आदेश दिया, जिसे अपीलीय अधिकारी ने भी सही ठहराया।
कोर्ट ने इन आदेशों को कानून के विपरीत मानते हुए पूरी तरह रद्द कर दिया। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को ₹10,000 मुकदमा-खर्च का भुगतान करे। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन को उचित जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि निर्दोष वाहन मालिकों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।

