केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में स्वीकार किया कि देश के कई बड़े हवाई अड्डों पर जीपीएस स्पूफिंग और जीएनएसएस इंटरफेरेंस की घटनाएं सामने आई हैं। इससे विमान नेविगेशन सिस्टम पर सीधा असर पड़ा और उड़ान संचालन में चुनौतियां बढ़ीं। नवंबर की शुरुआत में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर करीब 800 उड़ानें प्रभावित हुई थीं। तब प्रणालीगत खराबी बताई गई थी, लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि कई विमान जीपीएस स्पूफिंग का शिकार हुए थे।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किनजारापु ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट के पास रनवे 10 पर उतरने वाले कुछ विमानों ने नकली सिग्नल प्राप्त होने की शिकायत की। तुरंत वैकल्पिक लैंडिंग प्रक्रियाएं अपनाई गईं और सभी विमान सुरक्षित उतरे। मंत्री ने यह भी कहा कि अन्य रनवे पारंपरिक नेविगेशन सिस्टम के कारण सुरक्षित रहे और उड़ान संचालन पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ा।
सरकार के मुताबिक, नवंबर 2023 से जीपीएस जामिंग/स्पूफिंग की रिपोर्ट अनिवार्य की गई है और कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बंगलूरू और चेन्नई एयरपोर्ट से भी इसी तरह की शिकायतें आई हैं। समस्या का समाधान करने के लिए डीजीसीए ने एडवाइजरी जारी की है, जबकि एएआई ने इंटरफेरेंस के स्रोत की पहचान को प्राथमिकता दी है। साथ ही साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए आईटी नेटवर्क को अपग्रेड किया गया है और सभी कदम सीईआरटी-आईएन और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं।

