भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने स्प्लिट कोचिंग की उठ रही चर्चाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 की टेस्ट सीरीज हार के बाद कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों और एक आईपीएल फ्रेंचाइज़ी मालिक ने लाल और सफेद गेंद के लिए अलग-अलग कोच नियुक्त करने की मांग की थी। गंभीर ने इन सुझावों को “हैरान करने वाला” बताते हुए कहा कि टीम प्रबंधन के मामलों में बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
वनडे सीरीज जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने आलोचकों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया कि टीम पहला टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के बिना खेली, जो गर्दन की चोट के कारण दोनों पारियों में बल्लेबाजी भी नहीं कर पाए। गंभीर ने संकेतों में दिल्ली कैपिटल्स के मालिक पार्थ जिंदल पर भी निशाना साधा, जिन्होंने टेस्ट और लिमिटेड ओवर क्रिकेट के लिए अलग कोच रखने की मांग की थी। गंभीर ने कहा कि “हर किसी को अपने-अपने दायरे में रहना चाहिए।”
गंभीर ने कहा कि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और कप्तान की अनुपस्थिति ने प्रदर्शन पर सीधा असर डाला। उन्होंने यह भी साफ किया कि गलत वजहों से चर्चा छेड़ना अनुचित है और क्रिकेट से जुड़े न होने वाले लोगों को तकनीकी मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। कोच ने पिचों और अन्य विवादों को भी “बेकार की बहस” बताया।

