महाराष्ट्र की राजनीति में जारी खींचतान के बीच भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने नगर निगम चुनाव एक साथ लड़ने का बड़ा फैसला कर लिया है। नागपुर में सोमवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बैठक में इस पर सहमति बनी। दोनों दलों ने स्पष्ट किया कि मुंबई, ठाणे और राज्य के सभी प्रमुख नगर निकायों में महायुति गठबंधन के रूप में ही चुनाव लड़े जाएंगे। आने वाले दिनों में सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी जाएगी।
महा यूति की अंदरूनी तकरार पहले चरण के चुनावों में खुलकर सामने आई थी, जब भाजपा और शिवसेना कई जगह आमने-सामने दिखे। इसे लेकर शिंदे ने भाजपा नेतृत्व से नाराजगी भी जताई थी। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि आगे कोई भी दल-दल बदल या एक-दूसरे के नेता तोड़ने की कोशिश नहीं करेगा। शिवसेना और भाजपा दोनों इस बार खास तौर पर मुंबई और ठाणे पर फोकस कर रहे हैं, जहां चुनाव हमेशा से प्रतिष्ठा का विषय रहे हैं। दोनों दल पिछले चुनावों में हुई गलतियों को दोहराने से बचने की तैयारी कर रहे हैं।
शिंदे ने अपने विधायकों के साथ अलग बैठक में साफ निर्देश दिया कि महायुति के सभी घटक दल—भाजपा, शिवसेना और एनसीपी—को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा। पहले चरण की दरारों के बाद अब चुनौती यह है कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी कैसे दूर की जाए। हालांकि, गठबंधन के इस फैसले ने संकेत दे दिया है कि महायुति आगामी नगर निगम चुनावों में मजबूत रणनीति के साथ उतरने की तैयारी में है।

