चुनाव आयोग ने गुरुवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया से जुड़े एक अहम फैसले में उत्तर प्रदेश सहित पाँच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में समयसीमा बढ़ा दी है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन करना उसकी प्राथमिकता है, इसलिए एसआईआर की अवधि में अतिरिक्त समय देना आवश्यक समझा गया। नए कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में एसआईआर की समयसीमा अब 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में यह संशोधन 18 दिसंबर तक जारी रहेगा। तमिलनाडु और गुजरात के लिए नई अंतिम तिथि 14 दिसंबर तय की गई है।
एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची की सफाई और सुधार करना है, जिसमें डुप्लीकेट, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना और नए पात्र मतदाताओं को शामिल करना शामिल है। वर्तमान में कई राज्यों में बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं, लेकिन समय की कमी और कर्मचारी उपलब्धता जैसी चुनौतियों के कारण राज्यों ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी दो सप्ताह के विस्तार का अनुरोध किया था ताकि मृत और लापता मतदाताओं की प्रविष्टियों का पुनः सत्यापन किया जा सके।
वहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने संशोधित कार्यक्रम जारी करते हुए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की तिथि 14 फरवरी 2026 कर दी है। राज्य में व्यापक जनगणना कार्य और मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। बंगाल में घर-घर जनगणना 11 दिसंबर को समाप्त होगी, जबकि मतदाता सूची का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित होगा। दावे और आपत्तियां 15 जनवरी 2026 तक स्वीकार की जाएँगी और सभी प्रक्रियाएँ 7 फरवरी तक पूरी कर ली जाएँगी।
चुनाव आयोग की तरफ से जारी संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, बूथ स्तर के अधिकारियों की तरफ से घर-घर जाकर की जाने वाली जनगणना आज, 11 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो जाएगी। मतदाता सूची का मसौदा 16 दिसंबर, 2025 को प्रकाशित किया जाएगा, जिसके बाद नागरिक 16 दिसंबर, 2025 और 15 जनवरी, 2026 के बीच दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। दावों, आपत्तियों का निपटारा और विशेष सत्यापन अभियान 7 फरवरी, 2026 तक जारी रहेगा, साथ ही मतदान केंद्रों का युक्तिकरण भी उसी तिथि तक पूरा कर लिया जाएगा अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

