नई दिल्ली:भारतीय रेल के साथ हवाई जहाज रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में देने के बाद भारत सरकार ने होटलों को प्राइवेट करने का ठान लिया है । सरकार ने अब दिल्ली के प्रतिष्ठित होटल अशोक होटल को बेचने का फैसला किया है । सरकार ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण कार्यक्रम के तहत दिल्ली के प्रतिष्ठित द अशोक होटल का सांकेतिक मूल्य 7,409 करोड़ रुपये तय किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ (NMP) योजना की शुरुआत पिछले वर्ष की थी। सूत्रों ने यह बताया। द अशोक और उसके निकट स्थित होटल सम्राट भारतीय पर्यटन विकास निगम की परिसंपत्तियां हैं जो इस योजना में सूचीबद्ध हैं। सूत्रों के मुताबिक निवेशकों से विचार-विमर्श किया जा चुका है और होटल की बिक्री के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने द अशोक होटल को बेचने का पूरा मन बना लिया है।25 एकड़ क्षेत्र में फैला द अशोक दिल्ली के बीचोबीच स्थित है। एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘अशोक होटल का मौद्रीकरण निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिए होगा। इसके लिए सांकेतिम मूल्य 7,409 करोड़ रुपये तय किया गया है।’ विभिन्न क्षेत्रों में अवसंरचना परिसंपत्तियों के मूल्य का लाभ उठाने के लिए सीतारमण ने अगस्त 2021 में चार साल के लिए 6 लाख करोड़ रुपये की एनएमपी की घोषणा की थी। सरकार 2022-23 में अब तक एनएमपी के तहत 33,422 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण कर चुकी है।
मीडिया में आरही खबरों के अनुसार बता दें कि नीति आयोग ने इन्फ्रास्ट्रक्चर लाइन मंत्रालयों के परामर्श से NMP पर रिपोर्ट तैयार की थी। 14 नवंबर को नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने एनएमपी कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की थी। सरकार ने 2022-23 में एनएमपी के तहत अब तक 33,422 करोड़ रुपये की संपत्ति का मुद्रीकरण किया है। बता दें कि मुद्रीकरण के मामले में कोयला मंत्रालय 17,000 करोड़ रुपये जुटाकर सूची में सबसे आगे है। गौरतलब है कि 2021-22 में मोदी सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन को पूरा करके कार्यक्रम के पहले साल के 88,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर लिया।

