पटना:शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन संबंधी नई नीति की घोषणा करते हुए कहा कि एक उदार नीति तैयार की गई है ताकि शिक्षकों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े। यदि नई नीति में कोई कमी रह गई हो, तो उसका निराकरण जिलास्तरीय से लेकर प्रमंडलीय स्तर तक की कमेटी करेगी। अगर फिर भी समाधान नहीं हुआ, तो शिक्षा विभाग के स्तर पर इसका हल निकाला जाएगा। यह बातें उन्होंने सोमवार को शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा स्मृति सभागार में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कही। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में संकल्प पत्र भी जारी किया है।
अतिथि शिक्षकों के बारे में कोई प्रविधान नहीं
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों को स्थानांतरण नीति का लंबे समय से इंतजार था। नई नीति के तहत शिक्षकों को अपने जिले में रहने का अवसर मिलेगा। स्थानांतरण के लिए आवेदन करने हेतु पर्याप्त समय दिया जाएगा, और आवेदन कब से शुरू होगा, इसकी घोषणा जल्द की जाएगी। जब उनसे अतिथि शिक्षकों के लिए नीति न होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अतिथि शिक्षकों के लिए कोई नीति नहीं है।राज्य में सक्षमता पास 1.83 लाख शिक्षक हैं, जिनमें से करीब डेढ़ लाख शिक्षकों की काउंसलिंग हो चुकी है। बिहार लोक सेवा आयोग से भी करीब पौने दो लाख शिक्षक नियुक्त हुए हैं। एक बार जब शिक्षकों के आवेदन साफ्टवेयर पर आ जाएंगे, तब स्थानांतरण का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से उम्मीद जताई कि वे राज्य में स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने में सहयोग करेंगे।
शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए कमेटियां गठित
नई नीति के अनुसार, पहले चरण में नियोजित शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन मुख्यालय स्तर से किए जाएंगे। अंतरजिला और अंतर प्रमंडल स्थानांतरण के लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक भी शामिल होंगे। प्रमंडल के भीतर अंतरजिला स्थानांतरण के लिए प्रमंडल स्तर पर कमेटी होगी, जिसका अध्यक्ष प्रमंडलीय आयुक्त होगा।प्रमंडल के सभी जिलों के जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। इसी प्रकार, जिले के भीतर स्थानांतरण-पदस्थापन के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी होगी, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त, उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), और जिलाधिकारी द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति-जनजाति, वरीय महिला अधिकारी और अल्पसंख्यक अधिकारी भी सदस्य होंगे।

