Bihar Imamganj by-election 2024:बिहार के गया जिले की इमामगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा होते ही केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतनराम मांझी के परिवार में दावेदारी को लेकर हलचल मच गई है। यह तय था कि जीतनराम मांझी के सांसद बनने के बाद इमामगंज की विधानसभा सीट पर उनके परिवार का ही कोई सदस्य उम्मीदवार बनेगा, लेकिन इतने सारे दावेदारों का उभरना खुद जीतनराम मांझी के लिए भी अप्रत्याशित था।
पहले से ही माना जा रहा था कि मांझी अपने बेटे प्रवीण मांझी को इस चुनावी जंग में उतारेंगे। लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही परिवार में सत्ता की महत्वाकांक्षाएं जाग उठीं। प्रवीण मांझी अभी कोई फैसला ले पाते कि उनके बड़े भाई और बिहार सरकार में मंत्री संतोष मांझी की पत्नी, दीपा मांझी ने भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी। दीपा मांझी अपने पति के काम में हमेशा सहयोग करती रही हैं, और इस अनुभव को देखते हुए संतोष मांझी ने उनका नाम आगे बढ़ा दिया।
परिवार में विवाद यहीं तक सीमित नहीं रहा। जीतनराम मांझी की समधन, ज्योति देवी, जो खुद मोर्चा की विधायक हैं, ने भी अपने बेटे देवेंद्र मांझी के लिए इस सीट पर दावा ठोक दिया। ज्योति देवी बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं, और उनका मानना है कि उनका बेटा देवेंद्र इमामगंज से चुनाव लड़े। देवेंद्र मांझी, जो जीतनराम मांझी के दामाद हैं, पहले मखदुमपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इस बीच, दीपा मांझी के पास जिला परिषद चुनाव का अनुभव है, जबकि प्रवीण मांझी वार्ड 53 के पार्षद रह चुके हैं। परिवार में तीन दावेदारों के बीच संतुलन साधना जीतनराम मांझी के लिए चुनौती बन गया है। जानकारी के अनुसार, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के समर्थन से मांझी यह फैसला इस उम्मीद पर टाल सकते हैं कि 2025 के विधानसभा चुनाव में तीन में से दो बच्चों को भविष्य में टिकट का आश्वासन दिया जाएगा।
फिलहाल, माना जा रहा है कि दीपा मांझी के नाम पर सहमति बन सकती है, जिससे महिला कोटा भी पूरा होगा। हालांकि अंतिम फैसला संतोष मांझी को करना है, लेकिन मौजूदा संकेतों से दीपा मांझी की दावेदारी मजबूत होती दिख रही है।

