मंगलवार को संसद में आलू की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया गया। झारखंड के हजारीबाग से सांसद मनीष जायसवाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच विवाद का सीधा असर गरीब जनता पर पड़ रहा है। सांसद ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे इस मामले में दखल दें।
असल में, पश्चिम बंगाल की सरकार ने राज्य के आलू व्यापारियों को दूसरे राज्यों में आलू भेजने से रोक लगा दी है, ताकि राज्य में आलू की कीमतें कम रखी जा सकें। इस फैसले के कारण झारखंड में आलू की कीमतें बढ़ गई हैं, क्योंकि झारखंड में आलू की आपूर्ति पश्चिम बंगाल से होती है। इससे गरीब जनता को भारी परेशानी हो रही है।
पश्चिम बंगाल के आलू व्यापारी इस फैसले से नाराज हैं और उनका कहना है कि इस आदेश से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। मंगलवार को आलू व्यापारियों और बंगाल के कृषि मंत्री बेचाराम मन्ना के बीच बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद, आलू व्यापारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि आलू की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं, न सिर्फ बंगाल में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी।
बंगाल के कृषि मंत्री ने आलू व्यापारियों के हड़ताल पर जाने के फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की और उन्हें लालची होने का आरोप लगाया। इससे पहले सोमवार को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में आलू व्यापारियों को दूसरे राज्यों में आलू निर्यात करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था।

