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Priyanka Gandhi in Loksabha: लोकसभा में अपने पहले भाषण में प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार की बखिया उधेड़ी

Priyanka Gandhi in Loksabha:लोकसभा में अपने पहले भाषण में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को मौजूदा सरकार पर भारत के संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चर्चा के दौरान प्रियंका ने कहा कि सरकार की नीतियां संविधान के मूल मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर कर रही हैं।

उन्होंने संविधान को राष्ट्र की आवाज़ और लोकतांत्रिक मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में हारते-हारते जीतने के बाद भाजपा को यह समझ में आया कि इस देश में संविधान बदलने की कोशिशें सफल नहीं हो सकतीं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि हमारा संविधान वह शक्ति है जिसने महिलाओं को सशक्त बनाया, लेकिन मौजूदा सरकार में महिलाओं को उनके अधिकारों और लाभों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया, “क्या महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए अब 10 साल और इंतजार करना होगा?”

उन्होंने सत्ताधारी दल पर भविष्य की योजना बनाने के बजाय केवल अतीत की घटनाओं पर बात करने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कहा कि सरकार किसानों को सुरक्षा देने, बेरोजगारी दूर करने और महंगाई नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने अडानी मुद्दे का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे जनता का सरकार और संविधान पर भरोसा कमजोर हुआ है।

प्रियंका गांधी ने संविधान को “सुरक्षा कवच” बताते हुए कहा, “यह कवच न्याय, एकता और अभिव्यक्ति के अधिकारों की गारंटी देता है। दुख की बात है कि पिछले 10 वर्षों में सत्ता पक्ष ने इस कवच को तोड़ने के कई प्रयास किए हैं। संविधान ने नागरिकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा किया है, लेकिन वर्तमान सरकार इन वादों को कमजोर करने में लगी है।” उन्होंने सरकार पर निजीकरण और लैटरल एंट्री के माध्यम से आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।

अपने भाषण में प्रियंका ने संभल के शोकाकुल परिवारों का जिक्र किया, जो उनसे मिलने आए थे। उन्होंने बताया कि इनमें दो बच्चे थे, अदनान और उज़ैर, जिनकी उम्र क्रमशः 17 और उससे कम थी। उनके पिता, जो एक दर्जी थे, का सपना था कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर एक डॉक्टर और एक सफल व्यक्ति बनें। लेकिन पुलिस की गोलीबारी में उनकी जान चली गई। प्रियंका ने कहा, “अदनान ने मुझसे कहा कि वह डॉक्टर बनकर अपने पिता के सपने को पूरा करेगा। यही सपना और आशा भारत के संविधान ने उनके दिल में जगाई थी।”

प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में संविधान को बचाने और उसके मूल्यों को सहेजने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यही सुरक्षा कवच हमारे लोकतंत्र और समाज की आत्मा है।

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