पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राम नरेश पाण्डेय ने कहा कि बिहार में हत्या, अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि से राज्य में भय और दहशत का माहौल व्याप्त है। अपराधी बेलगाम हो गये है, दिन-दहाड़े हत्या हो जाती है। मुख्यमंत्री आवास का इलाका जहाँ उच्च स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होती है वहाँ गोली-बारी की घटना हो जाती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरों (एन.सी.आर.बी.) के आँकड़ों के मुताबिक हत्या-अपराध की घटनाओं में बिहार देश के टाॅप पांच राज्यों में शामिल है और अपराध दर में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से 2024 के बीच बिहार में अपराधों की संख्या में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।एस.सी.आर.बी. के ही आँकड़ों के अनुसार इस वर्ष-2025 में जून तक बिहार में 1347 हत्या के वारदात हो चुके हैं अर्थात प्रतिमाह औसत 229 हत्या की घटनाएँ हो रही है।2005 से 2020 के बीच बलात्कार के मामले में 47.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पूरे बिहार की जो तस्वीर सामने आ रही है उसके अनुसार बिहार के विभिन्न जिलों में आए दिन व्यवसायी, राजनीतिक कार्यकत्र्ता, अधिवक्ता, शिक्षक तथा सामान्य आदमी हत्या व अपराध के शिकार हो रहे हैं। क्राईम रिकार्ड ब्यूरों (एस.सी.आर.बी.) के आँकड़ों के अनुसार राजधानी पटना आम्र्स एक्ट में दर्ज मुकदमों में बिहार का अग्रणी जिला हो गया है।
राज्य की नीतीश कुमार की सरकार बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभाल पाने में विफल साबित हो रही है और वे बेबस और लाचार हो गये है। बिहार पुलिस के ए.डी.जी. कुन्दन कृष्णन का यह बेतुका ब्यान आता है कि मई-जून के महिने में किसानों के पास कोई काम नहीं होता है इसलिए इस मौसम में क्राईम बढ़ जाता है। मानो किसान ही क्राईम करते है। चैतरफा विरोध के बाद उनको खेद भी व्यक्त करना पड़ा।जदयू कोटे के एक केन्द्रीय मंत्री का यह हास्यास्पद बयान भी सामने आया कि कुछ लोग एक जगह बैठे हो और आकर किसी को गोली मार दे तो उसे क्राईम नहीं कहा जायेगा।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार में बढ़ रहे हत्या, अपराध और बदतर हो रही कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिन्ता प्रकट करती है और इसके लिए जदयू-भाजपा की नीतिश सरकार को जवाबदेह मानती है। सरकार स्थिति को संभाल पाने में अक्षम और विफल है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आम जनता से बदतर कानून व्यवस्था की स्थिति के खिलाफ जोरदार संघर्ष के मैदान में उतरने और अक्षम व विफल जदयू-भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।

