बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की तस्वीर चिंताजनक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट बताती है कि 6 नवंबर को होने वाले मतदान की 121 सीटों में से 91 सीटें ‘रेड अलर्ट’ श्रेणी में हैं, यानी इन पर तीन या उससे अधिक अपराधी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार हैं। कुल 1,314 प्रत्याशियों में से 354 ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले स्वीकार किए हैं, जबकि 519 करोड़पति हैं। सबसे अधिक आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार जन सुराज पार्टी से हैं, इसके बाद RJD, BJP, JD(U) और कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।
आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा अंतर दिखता है। BJP के मुंगेर प्रत्याशी कुमार प्रणय ₹170.81 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर, जबकि दरभंगा के SUCI(C) उम्मीदवार मोजाहिद आलम केवल ₹1,000 संपत्ति वाले सबसे गरीब प्रत्याशी हैं। औसतन हर प्रत्याशी के पास ₹3.26 करोड़ की संपत्ति है। ADR की रिपोर्ट बताती है कि बिहार की राजनीति में अपराध और धनबल की जड़ें गहरी होती जा रही हैं — और मतदाताओं के सामने अब जिम्मेदारी है कि वे सोच-समझकर अपने प्रतिनिधि चुनें।

