बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में नई एनडीए सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। राजभवन पहुंचने के दौरान उनके साथ भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान समेत एनडीए के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इससे पहले एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया।
गुरुवार 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, जहां नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जदयू और भाजपा की अलग-अलग बैठकों में नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता, जबकि भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया है। दोनों नेता नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेंगे। सूत्रों के अनुसार करीब 20 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, जिनमें भाजपा के 15–16, जदयू के 14–15 तथा लोजपा (रा), हम और रालोमो से भी मंत्री शामिल होंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। वीवीआईपी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए पटना एयरपोर्ट से गांधी मैदान तक विशेष सुरक्षा और ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। दस वर्ष बाद गांधी मैदान में यह समारोह होगा। इससे पहले 2015 में यहां शपथ ग्रहण हुआ था, जबकि 2020 में कोरोना काल के कारण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया था।

