बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब झारखंड की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में बदलाव या विस्तार की घोषणा कर सकते हैं। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, जिसके ज़रिए सरकार संगठन को मजबूत और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर संदेश देना चाहती है।
कैबिनेट विस्तार की चर्चा में सबसे अधिक ध्यान घाटशिला के विधायक सोमेश सोरेन पर है। पिता रामदास सोरेन के निधन के बाद हुए उपचुनाव में मिली भारी जीत ने उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक कद को काफी बढ़ाया है। पार्टी नेतृत्व उन्हें एक युवा, ऊर्जावान और भविष्य की संभावनाओं वाले नेता के रूप में आगे बढ़ता देख रहा है। क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से भी उनका नाम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसके साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई वरिष्ठ विधायक भी मंत्रिपद की दौड़ में हैं। इनमें स्टीफन मरांडी, हेमलाल मुर्मू, बसंत सोरेन, सबिता महतो, सुखराम उरांव और निरल पूर्ति जैसे नाम शामिल हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, जातीय संतुलन और गठबंधन के सभी दलों के बीच सहमति को प्राथमिकता दी जाएगी। हेमंत सोरेन जल्द ही अंतिम बातचीत के बाद नया कैबिनेट पेश कर सकते हैं।

