इंडिगो के संचालन में जारी अव्यवस्था के बीच एयरलाइन के सीईओ द्वारा स्थिति सामान्य होने के दावे एक बार फिर गलत साबित हुए। बुधवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट से 61 उड़ानें—35 आगमन और 26 प्रस्थान—रद्द कर दी गईं। यात्रियों को उम्मीद थी कि नौ दिनों से जारी संकट में सुधार आएगा, लेकिन आज भी कई एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिलेशन का सिलसिला जारी रहा।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो, जो रोजाना लगभग 2,300 उड़ानें संचालित करती है और घरेलू बाजार में 60% से अधिक हिस्सेदारी रखती है, इस समय गंभीर परिचालन संकट में है। 1 दिसंबर से अब तक हजारों उड़ानें रद्द होने के कारण एयरलाइन का मार्केट कैप करीब 21,000 करोड़ रुपये घट चुका है। यात्रियों का आरोप है कि कई फ्लाइट्स बिना सूचना, बिना सहमति के रीशेड्यूल या लंबी देरी से चलाई गईं, जिससे एयरपोर्ट पर भारी भीड़ और परेशानियां बढ़ीं।
सरकार ने स्थिति बिगड़ने के बाद कड़े कदम उठाए हैं। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ और सीओओ को शो-कॉज नोटिस जारी किया, साथ ही एयरलाइन टिकट किराए पर कैप लगाने का फैसला किया ताकि अन्य एयरलाइंस कीमतें न बढ़ा सकें। मंगलवार को सरकार ने इंडिगो के विंटर फ्लाइट शेड्यूल में 10% कटौती का आदेश भी दिया, जिससे रोज लगभग 220 कम उड़ानें चलेंगी। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि यह कदम संचालन स्थिर करने और रद्द उड़ानों की संख्या कम करने के लिए आवश्यक था।

