पटना: मरकज़ी इदारा शरिया, सुल्तानगंज, पटना ने इमारत शरिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए 29 जून 2025 को गांधी मैदान में प्रस्तावित “वक़्फ़ बचाओ, संविधान बचाओ” कॉन्फ्रेंस को धोखा और सौदेबाजी का हिस्सा करार दिया है। इदारा शरिया ने मुहम्मद हसन रज़ा नूरी, सदर मुफ्ती,अमजद रज़ा अमजद, सदर क़ाज़ी,क़ुतुबुद्दीन रज़वी, नाज़िम आला, झारखंड और अहमद रज़ा, प्रतिनिधि, इदारा के द्वारा जारी अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस जनता को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ, खासकर MLC सीट हासिल करने की कोशिश है।
मरकज़ी इदारा शरिया के बयान के अनुसार, जब वक़्फ़ का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तब इस तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन और भीड़ जुटाने का कोई औचित्य नहीं है। इदारा ने दावा किया कि इमारत शरिया ने अखबारों में छपे विज्ञापनों में बिना अनुमति के इदारा शरिया और कुछ खानकाहों के नाम शामिल किए, जो “साफ़-साफ़ धोखा” है। बयान में कहा गया कि संबंधित खानकाहों ने भी इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जताई है।
इदारा शरिया ने अपने बयान में 2018 की “दीन बचाओ, देश बचाओ” कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी इमारत शरिया ने सौदेबाजी की थी, जिसके चलते इदारा ने उसमें हिस्सा नहीं लिया था। बयान में आरोप लगाया गया कि उसी तर्ज पर इस बार भी “वक़्फ़ बचाओ, संविधान बचाओ” कॉन्फ्रेंस के पीछे MLC सीट की राजनीति छिपी है। बयान में शाहबानो केस का उदाहरण देते हुए कहा गया कि उस समय भी इमारत शरिया ने शरीयत की रक्षा के नाम पर सौदेबाजी कर मौलाना वली रहमानी को MLC बनवाया था।
मरकज़ी इदारा शरिया ने जनता से अपील की है कि वे इस “धोखे और छल” से दूर रहें और सुप्रीम कोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई पर भरोसा रखें। बयान में कहा गया, “जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो इस तरह की भीड़ और शोरगुल का क्या फायदा? जनता खुद सोचे कि क्या वे इस फरेब का हिस्सा बनना चाहेंगे?”इदारा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह वक़्फ़ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगा और जनता से दुआ करने की अपील की कि “सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे हक में आए।”
इदारा शरिया ने इमारत शरिया से सवाल उठाए हैं कि जब मामला अदालत में है, तो इस तरह के आयोजन का मकसद क्या है? साथ ही, चंदा जुटाने और भीड़ इकट्ठा करने के लिए झूठ और धोखे का सहारा क्यों लिया गया?

