नई दिल्ली:गुरुवार 31 जुलाई को दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) द्वारा आयोजित “संवाद से समाधान” विषय पर एक ऐतिहासिक बैठक ने सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की दिशा में नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस संवाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, प्रो. शाहिद अख्तर, शाहिद सईद और डॉ. शालिनी अली सहित देश के 50 प्रतिष्ठित मुस्लिम पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

बैठक में उर्दू मीडिया की चुनौतियों, सामाजिक अन्याय, तकनीकी पिछड़ेपन और राष्ट्र निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। शाहिद सईद ने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे केवल खबरें दिखाने तक सीमित न रहें, बल्कि समाज और राष्ट्र को दिशा देने वाले सेतु बनें। उन्होंने कहा, “पत्रकारिता सिर्फ समस्याओं को उजागर करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाधान सुझाने का मंच भी है।”
इंद्रेश कुमार ने संवाद को भारत निर्माण की आधारशिला करार देते हुए पत्रकारों को “राष्ट्र के शिल्पकार” बताया। उन्होंने कहा, “पत्रकारों की कलम समाज में एकता, विकास और न्याय की मशाल बननी चाहिए। यह संवाद मतभेदों को समझ और सहयोग में बदलने का प्रतीक है।”
प्रो. शाहिद अख्तर ने मुस्लिम समाज की शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भारत के समग्र विकास से जोड़ते हुए मीडिया से सकारात्मक समाधान प्रस्तुत करने की अपील की। उन्होंने कहा, “मुस्लिम समाज की तरक्की पूरे देश की तरक्की का हिस्सा है। मीडिया को इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभानी होगी।”

बैठक में मॉब लिंचिंग, मंदिर-मस्जिद विवाद, अंतरराष्ट्रीय संघर्ष और उर्दू पत्रकारिता की दुर्दशा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर विचार-विमर्श हुआ। पत्रकारों ने सरकार से तकनीकी और आर्थिक सहयोग की मांग की, साथ ही यह स्पष्ट किया कि मुस्लिम पत्रकार पूरे भारत की आवाज हैं, न कि केवल एक समुदाय की।
इस आयोजन ने न केवल संवाद की शुरुआत की, बल्कि टकराव के बजाय सशक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया। यह बैठक इस बात का प्रतीक बनी कि जब मीडिया, समाज और संगठन एक मंच पर आते हैं, तो समरसता और एकता का मार्ग प्रशस्त होता है।

