पटना: ग्रामीण उद्यमिता और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बिहार सरस मेला का शुभारंभ शुक्रवार को ज्ञान भवन, पटना में हुआ। ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में जीविका द्वारा आयोजित इस दस दिवसीय मेले का उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
उद्घाटन से पूर्व मंत्री और सचिव ने ज्ञान भवन में लगे हस्तशिल्प, सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित महिलाओं द्वारा निर्मित कलाकृतियों, शिल्प ग्राम, मधुग्राम, और जीविका दीदी की रसोई सहित विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी सह बिक्री के लिए लाए गए उत्पादों की सराहना की और ग्रामीण महिला शिल्पकारों के हुनर की तारीफ की। इसके बाद मंत्री ने मुख्य मंच से दीप प्रज्ज्वलन कर मेले का शुभारंभ किया। आगत अतिथियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।

जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहन और सम्मान देने के लिए बिहार सरस मेला 12 सितंबर से 21 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में बिहार सहित 22 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमी 130 स्टॉलों पर अपने शिल्प, कलाकृतियां, और मशहूर व्यंजन लेकर उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरस मेला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है और यह महिला स्वावलंबन व सशक्तिकरण का संदेश दे रहा है। सदियों पुरानी परंपराएं, हस्तशिल्प, लोक कला, लोक संस्कृति, और देशी व्यंजनों को इस मेले के माध्यम से नई पहचान मिली है।

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में बदले माहौल और विकास की धारा ने अन्य राज्यों के उद्यमियों की बिहार के प्रति सोच को बदला है। सरस मेला में 22 राज्यों से आईं ग्रामीण महिला उद्यमी बिहार की बदलती तस्वीर की गवाह हैं। ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं के विकास के लिए दो दर्जन से अधिक योजनाएं लागू कर रहा है, जिनका प्रचार-प्रसार महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान किया गया।
मंत्री श्रवण कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए किए गए कार्यों से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। जीविका के माध्यम से आयोजित बिहार सरस मेला ने ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया है। बिहार में स्वयं सहायता समूहों के जरिए अत्यंत गरीब महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया गया है। लगभग 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जीविका दीदियों सहित हर घर की एक महिला को स्वरोजगार के लिए 2 लाख 10 हजार रुपये की राशि किश्तों में दी जाएगी। प्रथम किश्त के रूप में 10 हजार रुपये की राशि जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के खातों में सीधे हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

शुभारंभ समारोह के अंत में महिला उद्यमियों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सतरंगी बिहार सरस मेला ग्रामीण उद्यमिता, महिला सशक्तिकरण, और हुनर को सम्मान देने का एक गौरवपूर्ण आयोजन है। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए अतिथियों, आगंतुकों, स्टॉल धारकों, और मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में जीविका के निदेशक राम निरंजन सिंह, निदेशक (उद्यम) विनय कुमार, राज्य परियोजना प्रबंधक (गैर कृषि) समीर कुमार, और राज्य परियोजना प्रबंधक (संचार) पवन कुमार प्रियदर्शी की भी उपस्थिति रही।

