बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता चुना है। इसके साथ ही दोनों नेताओं के दोबारा उप मुख्यमंत्री बनने पर मुहर लग गई। भाजपा का यह निर्णय कई राजनीतिक और जातीय समीकरणों को साधने वाला माना जा रहा है। पार्टी ने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया है कि क्या डिप्टी CM का चेहरा बदलेगा। दोनों नेताओं ने जनवरी 2024 से नीतीश कुमार के साथ तालमेल रखते हुए सरकार में प्रभावी भूमिका निभाई थी, जिसका सीधा लाभ चुनाव में मिला।
सम्राट चौधरी बिहार में कुशवाहा (OBC) समाज के सबसे प्रभावशाली चेहरों में एक हैं। 1999 में पहली बार विधायक बने सम्राट 2017 में भाजपा में शामिल हुए और 2023 में बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद 2024 में उप मुख्यमंत्री पद ने उनकी सियासी पकड़ और मजबूत की। उनकी जातीय पकड़ और नीतीश सरकार में समन्वय क्षमता ने भाजपा के वोट-बेस को मजबूती दी, यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें फिर डिप्टी CM पद के लिए चुना।
वहीं विजय कुमार सिन्हा भूमिहार समाज से आते हैं, जो भाजपा का परंपरागत और मजबूत वोट बैंक है। 2005 से लगातार लखीसराय से विधायक रहने वाले सिन्हा भाजपा के संघर्षशील चेहरों में गिने जाते हैं। 2020-22 के बीच विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उनकी आक्रामक शैली चर्चा में रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाने वाले विजय सिन्हा को दोबारा डिप्टी CM बनाना भाजपा के संगठनात्मक और जातीय संतुलन को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

