राजनीति में इतिहास अक्सर खुद को दोहराता है, और पटना के गांधी मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में ऐसा ही दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला। नीतीश कुमार ने 20 नवंबर 2025 को दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर उनका हाथ थामकर ‘विक्ट्री साइन’ बनाया। इस तस्वीर ने सियासत को करीब से देखने वालों को 16 साल पुराने राजनीतिक घटना क्रम की याद दिला दी, जब ऐसी ही एक तस्वीर ने बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में भूचाल ला दिया था।
मई 2009 में लुधियाना की एनडीए रैली में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने पहली बार हाथ मिलाकर एनडीए की एकजुटता का सार्वजनिक संदेश दिया था। लेकिन एक साल बाद 2010 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने इसी तस्वीर का विज्ञापन जारी किया, जिसमें गुजरात सरकार द्वारा बाढ़ राहत के लिए भेजे गए 5 करोड़ रुपये का जिक्र था। इस पर नीतीश कुमार बेहद नाराज़ हो गए और राहत राशि समेत सामग्री गुजरात सरकार को लौटा दी। इतना ही नहीं, नीतीश ने नरेंद्र मोदी के सम्मान में आयोजित डिनर को भी रद्द कर दिया, जिसके बाद जदयू–बीजेपी का गठबंधन टूट गया।
अब 2025 की तस्वीरें फिर सामने आई हैं—फ्रेम वही, नेता वही, लेकिन राजनीतिक समीकरण अब पूरी तरह बदल चुके हैं। एनडीए के फिर साथ आने के इस पल ने पुरानी सियासी यादों को एक बार फिर ताज़ा कर दिया।

