धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को बुधवार तड़के लखनऊ पुलिस ने सीतापुर–महोली बॉर्डर से हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच देवरिया के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। कोर्ट जाते समय उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे दावा करते दिखे कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है और उनकी गिरफ्तारी का मकसद उनके बेटे का इंटरव्यू प्रभावित करना है।
कोर्ट में पेशी के दौरान अमिताभ ठाकुर भावुक हो गए और खुद अपना मुकदमा लड़ने की बात कही। उन्होंने अदालत से 40 मिनट का समय मांगा और आठ पेज का विस्तृत लिखित बयान पेश किया। उनका कहना था कि 26 साल पुराने एक साधारण सिविल विवाद को जानबूझकर आपराधिक मामला बनाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें आधी रात बीच रास्ते से गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है उसमें कोई अपराध हुआ ही नहीं।
आरोपों के अनुसार 1999 में देवरिया में बतौर एसपी तैनाती के दौरान उनके और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर औद्योगिक प्लॉट गलत प्रविष्टियों के साथ आवंटित कराया गया था, जिसे बाद में एक शराब व्यापारी को बेच दिया गया। इस संबंध में 2025 में दर्ज कराई गई एफआईआर में धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश सहित कई आरोप लगाए गए हैं। अमिताभ और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर दोनों इस मामले में आरोपी हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को निर्धारित की गई है।

